Sunday, November 22, 2015

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नियोजित प्रशिक्षित शिक्षकों को दो साल के अनुभव के बाद भी नहीं मिल रहा ग्रेड पे,संघ और सरकार दोनों दिशाहीन

महागठबंधन नीकु सरकार में सभी सम्मानिये शिक्षकों का स्वागत है.नीतीश कुमार पाँचवी बार CM अंकल बन गये है.नियोजितों की तरफ से बधाई.चुनाव से पूर्व ढेरो वायदे नीकु-लालू ने किया है.जिसमें संविदा पर बहाली नहीं होगी और शराब दुकान बंद होगी प्रमुख है.सभी संविदाकर्मी को नियमित किया जायेगा,और भी बहुत कुछ.खैर ये चुनावी बात है. Ashutosh के साथ सीधे प्रशिक्षित शिक्षकों के मुद्दे पर आते है.
वेतनमान लागू होने के बाद शिक्षकों में आशा-निराशा का माहौल रहा.सभी वेतन निर्धारण और सेवा-पुस्तिका बनाने में जुट गये.शिक्षकों का आर्थिक शोषण भी होता रहा.प्रशिक्षित शिक्षकों के लिये एक शर्त रखी गयी.योगदान तिथि से दो साल के अनुभव के बाद ग्रेड पे (2000,2400,2800) मिलेगा.तब तक अप्रशिक्षित माने जायेंगे और अप्रशिक्षित का ही वेतन मिलेगा.इस कठोर फैसले को भी स्वीकार किया गया.पर समस्या ख़त्म नहीं हुई बल्कि शुरू हो गयी.
वेतन निर्धारण 1 जुलाई 2015 से हुआ है.यानि जिन प्रशिक्षित शिक्षकों का दो साल का अनुभव 30 जून 2015 तक हुआ है उन्हें ग्रेड पे तो मिल गया पर जिन शिक्षकों का 2 साल का अनुभव 2 जुलाई 2015 के बाद हुआ है उन्हें ग्रेड पे नहीं मिल रहा है.वे अभी तक अप्रशिक्षित ही माने गये है और अप्रशिक्षित का ही वेतन निर्धारण हुआ है.वाह रे सरकार !
नियमतः यह होना चाहिये कि जिन शिक्षकों का दो साल का अनुभव 2 जुलाई 2015 के बाद हो गया है उनका ग्रेड पे के साथ वेतन निर्धारण होता और प्रशिक्षित ग्रेड पे के साथ वेतन मिलता.लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है.
उदाहरण से समझे =
एक +2 शिक्षक आशुतोष जिनका योगदान तिथि 5 जुलाई 2013 है उन्हें ग्रेड पे का लाभ 6 जुलाई 2015 से मिलेगा.30 जून तक उनका वेतन था-12,000 नियत वेतन+400 वार्षिक वेतन वृद्धि=12,400.
अब 1 जुलाई से वेतनमान से उनका वेतन= 5200 वेतनमान+6188(119%DA)+200(चिकित्सा)+260(5%आवास)+1500(विशेष भत्ता)+1540(व्यक्तिगत भत्ता)=14,888 रूपए.यानि उनका वेतन 14,888 रूपए निर्धारित हुआ.
अब जबकि 5 जुलाई को दो साल का अनुभव ले चुके है तो उनका मूल वेतन होगा > 5200+2800(ग्रेड पे)=8000.कुल वेतन होना चाहिये =8000+9520(119%DA)+200(चिकित्सा)+400(5%HR)=18,120.
यानि जुलाई से ही चार हजार रूपए प्रतिमाह की हानि.इस मुद्दे पर संघ और सरकार दोनों दिशाहीन है.
वेतन निर्धारण सॉफ्टवेयर में कही यह अंकित नहीं है कि जिनका दो साल का अनुभव दो जुलाई के बाद है उनका वेतन कैसे निर्धारित होगा.सिस्टम उन्हें अप्रशिक्षित मानता है.इस समस्या का क्या निदान होगा कोई कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है.हर परिस्थिति में शिक्षक ही मारे जाते है.
नयी सरकार के गठन के बाद उम्मीद बढ़ी है कि नियोजितों के हक़ और सुविधा की भी बात होगी.काफी हद तक संभावना है की इस विसंगति को भी दूर कर लिया जाये और बचा वेतन एरियर के रूप में मिल सकता है.साँतवा वेतनमान जनवरी 2016 से लागू हो रहा है जो अप्रैल से प्रभावी हो जायेगा.राज्य सरकार पर भी इसे लागू करने का दबाव रहेगा.
अब संघ के नेताओं पर बहुत बड़ी जिम्मेवारी है.नेता वेतनमान के मुद्दे पर अर्धसफल ही रहे है.साँतवा वेतनमान नियोजितों पर भी प्रभावी हो इसके लिये एक और मेहनत और आन्दोलन की जरुरत पड़ेगी.शायद इसके लिये आपको भी तैयार रहना पड़े. 
जय भारत,जय बिहार,जय शिक्षक
आशुतोष 
10+2
शिक्षक 
प्रोजेक्ट कन्या +2 विद्यालय कुमारखंड , मधेपुरा (बिहार)
mobile no.- 7870900690
What’s
नंबर 9708200702
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Thursday, November 19, 2015

7वें वेतन आयोग ने सौंपी रिपोर्ट...आमतौर पर राज्यों द्वारा भी कुछ संशोधन के साथ इन्हें अपनाया जाता है







ईमानदार और कर्मठ शिक्षक नेताओं पर निर्भर करता है शिक्षकों का उज्जवल भविष्य

सभी सम्मानीय शिक्षकों को मैं Ashutosh नमस्कार करता हूँ. संघे शक्ति कलियुगे’.वर्तमान में संघ की शक्ति बहुत बड़ी ताकत है.विभिन्न राजनीतिक और गैरराजनीतिक क्षेत्रों में संघ के बदौलत कर्मचारियों को सरकार से वाजिब हक़ मिला है.संघ की शक्ति उसके सशक्त और कर्मठ नेताओं पर निर्भर करता है.नेता मजबूत होंगे तभी संघ मजबूत होंगा और मांगे मानी जायेगी.
नियोजित शिक्षकों पर सैकड़ो संघ और हजारों नेता अपना उल्लू सीधा कर रहे है.इन तथाकथित नेताओं ने नियोजितों को बरगलाया ज्यादा है,हक़ बहुत कम दिलवाया है.कुछ तथाकथित नेता हाईकोर्ट,केस,रिट,नामी वकील के नाम पर चंदा उगाही में लगे है.इनकी शानो-शौकत देखकर लगता नहीं है कि ये कभी नियोजितों का भला करेंगे.खैर इनकी दुकान चलती रहे.
लेकिन कुछ नेता अपने कर्तव्य और शिक्षक हित के प्रति वास्तव में जबावदेह और सजग है.अभी तक बहुतों जगह सेवा-पुस्तिका और वेतन निर्धारण का काम पुरा नहीं हुआ है.इस प्रक्रिया में शिक्षकों का आर्थिक शोषण भी हो रहा है.कई जिलों में शिक्षकों को जुलाई से वेतनमान का वेतन नहीं मिला है.इसके लिये कौन दोषी है ? HM,BEO,DEO,DPO,शिक्षक या तथाकथित नेता? सभी एक दुसरे पर दोषारोपण करके निकल जाना चाहते है.
अब बात करते है मधेपुरा जिला की.हमारे जिला में माध्यमिक,उच्चतर माध्यमिक और पुस्तकालयाध्यक्षों का अक्टूबर तक का वेतन भुगतान 3 नवम्बर तक हो चुका है और नवम्बर से वेतन हेतु मांग भी भेज दिया गया है.मधेपुरा एक मात्र जिला है जहाँ इन शिक्षकों को अक्टूबर तक का वेतन मिल चुका है और सेवा-पुस्तिका और वेतन निर्धारण के नाम पर एक रूपए भी रिश्वत नहीं लगा है.
वहीँ प्रारंभिक और मिडिल स्कूल के शिक्षकों का वेतन लटका हुआ है.दशहरा,मुहर्रम,दीपावली बीता और छठ आ गया पर वेतन नहीं आया.किस पर जिम्मेवारी थोपे?यहाँ के शिक्षक नेताओं ने अपने जेब से पैसे खर्च करके शिक्षकों को अक्टूबर तक का वेतन दिलवाया है.कृष्णा कुमार यादव,नीरज कुमार,अलोक कुमार,संतोष कुमार,अरुण कुमार यादव,अमलेश कुमार जैसे कर्मठ शिक्षकों ने अहम् योगदान दिया है.
संघ में शिक्षक मजबूत कार्यकर्त्ता होते है.वेतनमान की मांग को लेकर संघ और नेताओं के आवाहन पर हजारों शिक्षक पटना पहुंचे थे,हड़ताल हुयी और आंदोलन को सफल बनाया.सरकार ने वार्ता हेतु नेताओं को बुलाया.नेताओं ने क्या किया सबके सामने है.एक तथाकथित नेता TET-STET पास अप्रशिक्षितों के हक़ और हित की बात करके अपना राजनीति की दुकान चला रहे है.जबकि सबसे ज्यादा नुकसान अप्रशिक्षित शिक्षकों को ही हुआ.इन्हें ग्रेड पे ही नही मिला.
शिक्षकों को सब पता है कौन नेता दलाल है और कौन राजनीति की दुकान चला रहा है.शिक्षकों यह भी पता है कि कौन नेता ईमानदार और कर्मठ है.दलालों को गाली मिलेगी और सच्चे को सम्मान,हो जाये सावधान.क्यूंकि एक और शिक्षक आंदोलन 2016 में होने की संभावना है.
एक मांग-सामान काम,सामान वेतनमान.
अंत में=
चुनावी ड्यूटी के दौरान ही मेरा दाहिना हाथ टूट गया.कर्तव्य को प्राथमिकता देते हुए बैंडेज बांधकर चुनाव करवाया.आप सभी आदरणीय शिक्षकों के प्यार,सम्मान और दुआ से मैं जल्दी स्वस्थ हो पाया.नीतिश कुमार चौथी बार CM अंकल बन रहे है.उम्मीद है,नियोजितों के एक मांग-सामान काम,सामान वेतनमान जल्द ही पूरा होगा और सरकारी कर्मी का दर्जा मिलेगा.साथ ही साथ नियोजित शब्द भी हट जायेगा.
मेरा What’s नंबर 9708200702 है.आप सभी शिक्षकों से आग्रह है कि आप भी अपना What’s नंबर दे.
जय भारत 
जय बिहार 
जय शिक्षक
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