Tuesday, March 26, 2013

Teacher Eligibility Test News -स्नातक भी बन सकते हैं टीचर


Teacher Eligibility Test News -स्नातक भी बन सकते हैं टीचर


Teacher Eligibility Test News केंद्र ने यूपी, हिमाचल और उत्तराखंड समेत 13 राज्यों को दी छूट
स्नातक भी बन सकते हैं टीचर
•अकेले उत्तर प्रदेश में खाली हैं डेढ़ लाख से अधिक प्राइमरी टीचरों के पद


नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने प्राइमरी स्कूलों में खाली पड़े शिक्षकों के पदों पर भर्ती के लिए अब 13 राज्यों को विशेष छूट प्रदान की है। इन राज्यों में बीटीसी अथवा बीएड का कोर्स कर चुके बेरोजगारों के अलावा सामान्य स्नातक भी टीईटी (शिक्षक योग्यता परीक्षा) पास कर शिक्षक बन सकेंगे। अभी तक केवल प्रशिक्षित उम्मीदवारों को ही टीईटी परीक्षा में शामिल होने की छूट थी।
उल्लेखनीय है सर्वशिक्षा अभियान के तहत देश में लगभग बीस लाख शिक्षकों के नए पद सृजित हुए थे। इनमें से 12 लाख से अधिक पदों पर भर्ती हो चुकी है, लेकिन सात लाख पद अभी भी रिक्त हैं, जबकि पहली अप्रैल से पूरे देश में आरटीई एक्ट प्रभावी हो जाएगा। रिक्त पदों पर भर्ती के लिए बार-बार टीईटी परीक्षा कराने के बाद भी प्रशिक्षित उम्मीदवार पर्याप्त संख्या में नहीं मिल पा रहे हैं। शिक्षकों की भर्ती में पीछे रहने वाले राज्यों के अनुरोध पर बीएड की डिग्री हासिल करने वालों को भी प्राइमरी शिक्षक बनने की छूट दी गई, लेकिन बड़ी संख्या में अभी भी पद नहीं भरे जा सके हैं। इन राज्यों में प्रशिक्षित शिक्षक तो हैं, लेकिन वे टीईटी परीक्षा नहीं पास कर पा रहे हैं
मानव संसाधन मंत्री पल्लम राजू ने बताया इस समस्या को दूर करने के लिए 13 राज्यों में अप्रशिक्षित सामान्य ग्रेजुएट को भी टीईटी परीक्षा में शामिल होने तथा परीक्षा पास करने पर सीधे शिक्षक नियुक्त करने की छूट दे दी गई है। छूट पाने वाले इन राज्यों में ही सर्वाधिक छह लाख शिक्षकों के पद रिक्त हैं। इनमें सर्वाधिक बिहार में 2,05,378 तथा उत्तर प्रदेश में 1,59,087 शिक्षकों के पद रिक्त हैं। इनके अलावा जिन राज्यों में स्नातकों को सीधे शिक्षक पद पर भर्ती की छूट दी गई है उनमें हिमाचल प्रदेश में 2203, उत्तराखंड में 9270, पश्चिम बंगाल में 61,623 तथा मध्य प्रदेश 79,110 पद रिक्त हैं। शिक्षकों की पात्रता में छूट पाने वाले अन्य राज्यों में झारखंड तथा पूर्वोत्तर के कुछ राज्य शामिल हैं।
नौकरी मिलने के बाद इन प्रशिक्षित शिक्षकों को दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। प्रशिक्षण देने के लिए मानव संसाधन मंत्रालय ने देश में 19 स्थानों पर कॉलेज ऑफ टीचर्स एजूकेशन (सीटीई) की स्थापना भी करने का फैसला लिया है। यहां पर सबसे पहले नई भर्ती वाले शिक्षकों को ही प्रशिक्षण दिया जाएगा।

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