Saturday, February 1, 2014

" DARBHANGA " : CAMP NOTICE / Merit List ( Zila Parishad )


" DARBHANGA " : CAMP NOTICE / Merit List ( Zila Parishad )


Link 1 : http://darbhanga.bih.nic.in/

Link 2 : http://darbhanga.bih.nic.in/third_teacher_employement_2012.htm

Link 3 : http://darbhanga.bih.nic.in/result.htm



1 comment:

  1. क्या है मानहानि, कैसे होती है कार्यवाही,

    अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में एक जनसभा को संबोधित करते हुए लोकसभा चुनाव की रणनीति का खुलासा किया। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी के नेता मुख्‍यमंत्री, मंत्री और प्रधानमंत्री बनने के लिए नहीं बल्कि भ्रष्‍टाचार दूर करने के लिए राजनीति में आए हैं। उन्होंने भ्रष्टाचार में लिप्त मंत्रियों की एक लिस्ट भी जारी कि जिसमें नितिन गडकरी का नाम भी था।

    प्रतिक्रिया में नितिन गडकरी ने अपने वकील के माध्यम से अरविंद केजरीवाल को नोटिस भी भिजवा दिया है। इस बाबत हमने लखनऊ हाईकोर्ट के वकील अमित सिंहा, अमित त्रिपाठी और हाईकोर्ट इलाहाबाद में प्रैक्टिस करने वाले एडवोकेट आशीष सिंहा से बात की, तो उन्होंने बताया कि आखिर मानहानि क्या है, किस बात पर मानहानि हो सकती है या नहीं हो सकती और मानहानि के लिए क्या कार्यवाही हो सकती है।

    आइए जानते हैं कि मानहानि क्या है?

    हाईकोर्ट लखनऊ के वकील अमित सिंहा के मुताबिक आईपीसी की धारा 499 के अनुसार किसी के लिए बुरी बात बोलना, लोगों के बीच संबंधित व्यक्ति के लिए अपमानजनक पत्र भेजना, किसी की प्रतिष्ठा गिराने वाली अफवाह फैलाना, अपमानजनक टिप्पणी प्रसारित या प्रकाशित करना मानहानि कहलाता है।

    मानहानि मामले में कैसे कार्यवाही करनी चाहिए...

    एडवोकेट रोहित त्रिपाठी कहते हैं कि मानहानि के कई प्रकार हैं जिसमें मृत व्यक्ति पर कोई ऐसा लांछन लगाना जो उसके जीवित रहने पर उसकी ख्याति को नुकसान पहुंचाता हो और उसके परिवार या निकट संबंधियों की भावनाओं को चोट पहुंचाता हो अथवा किसी कंपनी, संगठन या व्यक्तियों के समूह के बारे में भी यही बात लागू होती है। साथ ही किसी व्यक्ति पर व्यंग्य के रूप में कही गई बातें भी मानहानि की श्रेणी में आती हैं।

    इन सब बातों के बीच एडवोकेट आशीष सिंहा ने मानहानि के लिए कार्यवाही के बारे में बताया कि इसके लिए आपराधिक मुकदमा चलाकर मानहानि करने वाले व्यक्तियों और उसमें शामिल होने वाले व्यक्तियों को न्यायालय से दंडित करवाया जा सकता है। यदि मानहानि से किसी व्यक्ति की या उसके व्यवसाय की या दोनों को कोई वास्तविक हानि हुई है तो उसका हर्जाना प्राप्त करने के लिए दीवानी दावा न्यायालय में प्रतिवेदन प्रस्तुत कर हर्जाना प्राप्त किया जा सकता है।


    मानहानि करने वाले के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के लिए दस्तावेजों के साथ सक्षम क्षेत्राधिकारी के न्यायालय में लिखित शिकायत करनी होती है। न्यायालय शिकायत पेश करने वाले का बयान दर्ज करेगा, अगर आवश्यकता हुई तो उसके एक-दो साथियों के भी बयान दर्ज करेगा। इन बयानों के आधार पर यदि न्यायालय समझता है कि मुकदमा दर्ज करने का पर्याप्त आधार उपलब्ध है तो वह मुकदमा दर्ज कर अभियुक्तों को न्यायालय में उपस्थित होने के लिए समन जारी करेगा।

    आपराधिक मामले में जहां नाममात्र का न्यायालय शुल्क देना होता है। वहीं हर्जाने के दावे में जितना हर्जाना मांगा गया है, उसके 5 से 7.50 फीसदी के लगभग न्यायालय शुल्क देना पड़ता है। इसकी दर अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग है।

    मानहानि के मामले में वादी को केवल यह सिद्ध करना होता है कि टिप्पणी अपमानजनक थी और सार्वजनिक रूप से की गई थी। बचाव पक्ष को यह साबित करना होता है कि वादी के खिलाफ उसने जो टिप्पणी की थी, वह सही थी।

    मुश्किल में फंस सकते हैं केजरीवाल

    नितिन गडकरी को भ्रष्ट बताने पर केजरीवाल को गडकरी ने मानहानि का नोटिस भेज दिया है। वहीं कानून विशेषज्ञों की माने तो केजरीवाल अगर अपना बयान वापस नहीं लेते हैं तो वह मुश्किल में फंस सकते हैं, क्योंकि फिर अरविंद केजरीवाल को ही साबित करना होगा कि नितिन गडकरी भ्रष्ट हैं।

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