सीट से 10 गुणा अभ्यर्थियों को कैंप में बुलाया जाएगा | ऐसे अभ्यर्थी जिनका नाम सीट के अंदर होगा उनको निश्चित रूप से नौकरी मिल जायेगी | जिनका नाम सीट से बाहर होगा , उनकी नौकरी इस बात पर निर्भर करेगी की कैंप में मेघा सूची में उनसे ऊपर कितने कैंडिडेट नहीं आये हैं | ऐसे में कैंडिडेट को इसलिए नौकरी नहीं मिलेगी की उनसे ज्यादा अंक लाने वाले सीट के बराबर कैंडिडेट कैंप में आ गए हैं और दूसरी जगह कैंप में मौजूद न होने की वजह से उनका नाम मेघा सूची से हटा दिया जाएगा | इस प्रक्रिया में नियोजन इकाई को शिक्षक मिल जाएंगे लेकिन कैंडिडेट्स कैंप में शामिल होने को लेकर भारी दुविधा में रहेंगे |
जब तक नियोजन की प्रक्रिया को केंद्रीकृत नहीं किया जाएगा , कैंडिडेट्स के बीच अफरा-तफरी का माहोल रहेगा |
अगर नियोजन की प्रक्रिया को केंद्रीकृत नहीं कर सकते हैं तो सभी नियोजन इकाई और कट ऑफ के साथ अभ्यर्थियों को एक ही शहर "पटना" बुलाइये | जैसे-जैसे मेघा सूची में ज्यादा अंक लाने वालों का नियोजन होता जाएगा , कट ऑफ को कम कर अभ्यर्थियों को पटना आने को कहा जाएगा | ऐसे में सभी अभ्यर्थी को मेघा क्रम के मुताबिक़ उनकी मनपसंद जगह पर नौकरी मिलती जायेगी | अभ्यर्थियों को बिहार के 38 ज़िलों का चक्कर नहीं लगाना होगा और उनकी नौकरी पक्की हो जायेगी ।
50/2014 (HINDI) lecturer ka kav tak date aane wala hain
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