Saturday, October 31, 2015
TET-STET पास अनियोजित साथी करे पुकार,कब तक रहेंगे बेरोजगार ?
साथियों,एक कहावत है, “अपने दिल से जानो पराये दिल का हाल”.इस दर्द को हमारे सम्मानीय शिक्षक
ज्यादा महसूस कर सकते है.बिहार सरकार ने शिक्षक पात्रता परीक्षा का आयोजन 2011 में किया था.उस समय इस परीक्षा के लिए
प्रशिक्षित/अप्रशिक्षित होना शर्त नहीं था.आवेदक इंटर,स्नातक,स्नाकोत्तर या B.ED.हो
परीक्षा दे सकता था.परीक्षा में लाखों में कुछ पास हुए.
2012 में परीक्षा परिणाम घोषित हुआ और
अभ्यर्थियों के चयन का अधिकार नियोजन इकाई को स्वतंत्र रूप से दे दिया गया.यानि हर
नियोजन इकाई में फॉर्म जमा करना था.परीक्षा परिणाम के बाद शर्त रखी गयी,जो प्रशिक्षित है वही फॉर्म जमा कर
सकते है.बाद में अत्यंत पिछड़ा वर्ग(EBC) और SC/ST के सभी अप्रशिक्षित छात्रों को छुट
मिली.बच गए पिछड़ा(BC) और सामान्य वर्ग के अप्रशिक्षित
अभ्यर्थी.इन अभ्यर्थियों ने तत्काल प्रशिक्षित होने के लिये B.ED. किया और कुछ कर रहे है.इसी बीच
प्रशिक्षित और अप्रशिक्षित EBC/SC/ST का
नियोजन शुरू हो गया.
आपको
याद होगा कि एक नियोजन इकाई में 4-5
बार जाना पड़ता था.कभी पहला कौन्सेलिंग तो कभी दूसरा कौन्सेलिंग तो कभी सहमती पत्र
तो कभी स्कूल चयन.याद है ना ?बहुत
दौड़े है.कभी नवादा तो कभी गोपालगंज,कभी
दरभंगा-मधुवनी तो कभी सुदूर नगर पंचायत में.
क्यों
दौड़े? क्यूंकि हम शिक्षित बेरोजगार
थे.शिक्षित थे इसलिए गलत काम करके रूपए नहीं कमा सकते थे.यह शिक्षा का ईमान
है.हमें नौकरी मिली,खुश हो गए.अपनी लड़ाई वेतनमान के लिए
होने लगी.आधा-अधुरा वेतनमान भी मिल गया.निश्चित होकर वह अच्छी तरह से लड़ सकते है
जिसका बैक-अप मजबूत होता है.नियोजित शिक्षकों को कुछ नेताओं का समर्थन भी मिला
.कुछ नियोजितों के शिक्षक नेता उभरकर सामने आये.
पर
इस लड़ाई में हमारे कुछ साथी काफी पीछे छूट गये है.शायद हमारे समूह से अलग हो गये
है.और वे है,TET-STET पास हमारे अनियोजित साथी.
जब
कोई बंदा शिक्षित-बेरोजगार हो और परीक्षा पास कर प्रशिक्षित हो जाये,फिर भी बेरोजगार कहलाये.इस दर्द को हम
अच्छी तरह समझ सकते है.अनियोजितों के दर्द को भी समझे और इनके हक़ के लिए खड़े
हो.मैं Ashutosh तमाम शिक्षक नेताओं से आग्रह करता हूँ
कि जितने भी TET-STET पास अनियोजित साथी है,उनके शीघ्र से शीघ्र नियोजन के लिए संघ
और सरकार से तालमेल बैठाकर इनकी मदद करे,उसे
उसका हक़ दिलवाये.
जब
शिक्षकों को 6 माह वेतन नहीं मिलता है तो कितनी
दिक्कत होती है,उस दर्द से सभी गुजर रहे है.पर एक
उम्मीद रहती है कि वेतन मिलेगा.पर जो अनियोजित है,उनके पास तो उम्मीद करने के लिए कुछ बचा ही नहीं है.उम्मीद टूटती जा
रही है.इस स्थिति में हमारी यह नैतिक जिम्मेवारी है कि अनियोजितों के शीघ्र से
शीघ्र नियोजन के लिए आवाज उठाये और उनके नियोजन के लिए प्रयास करे.हमारे शिक्षक
नेता इस मुद्दे को गंभीरता से ले और तुरंत सरकार से मिलकर सकारात्मक प्रयास करे.यह
लड़ाई सिर्फ वेतनमान के लिए ही नहीं बल्कि पूर्ण नियोजन के लिए भी है.
अच्छी
बात है कि हमारे कुछ नेता इस दिशा में प्रयत्नशील भी है.उम्मीद है कि बहुत जल्द ही
अनियोजित साथी भी किसी विद्यालय में शिक्षक बनकर शिक्षा और शिक्षक की गुणवत्ता को
बरकरार रखेंगे.
जय
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शिक्षक
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Friday, October 30, 2015
Thursday, October 29, 2015
सेवा-पुस्तिका कैसे बनाये,क्या-क्या बरते सावधानियाँ ?
सभी
सम्मानीय शिक्षकों को मैं Ashutosh नमस्कार करता हूँ.जिन शिक्षकों को वेतनमान का वेतन
(जुलाई 2015 के बाद) मिल गया है,उन्हें बंधाई,जिनका काम प्रगति पर है
उन्हें जल्द से जल्द वेतन मिले तथा जिन शिक्षकों ने अब तक सेवा-पुस्तिका बनवाकर
जमा नहीं किया है,वे
जल्द से जल्द जमा करे.जिन शिक्षकों ने अभी तक सेवा-पुस्तिका नहीं बनाया है,यह पोस्ट विशेष रूप से
उनके लिए है.
सेवा-पुस्तिका बनाते समय किन-किन बातों का ध्यान रखे =
सेवा-पुस्तिका किसी भी सरकारी कर्मचारी के लिए महत्वपूर्ण दस्तावेज है.जो जिन्दगी के साथ चलती है और जिंदगी के बाद भी काम आता है.अतः इसे सुरक्षित रखे.सेवा पुस्तिका स्वंय नहीं लिखी जाती है,इसे दुसरे लिखते है जिनका लिखावट साफ-साफ़ हो.वैसे यह काम प्रधानाध्यापक का है.
TET-STET पास प्रशिक्षित/अप्रशिक्षित माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक
(10+2) शिक्षक जिनका नियोजन 2014 में हुआ है.उनके
सेवा-पुस्तिका बनाने का प्रारूप =
(1) पहला पेज=सेवा-पुस्तिका के पहले पेज के ऊपर दाहिने तरफ अपना साफ़-सुथरा फोटो चिपकाये.नीचे अपना नाम,विद्यालय का नाम तथा पूरा पता लिखे.फोटो को प्रधानाध्यापक सत्यापित करेंगे और विद्यालय का मोहर लगेगा.
(2) दूसरा पेज=अंगूठे और अँगुलियों के निशान
निशान हमेशा काली स्याही या कजरौटी के काजल से दे.यह टिकाऊ होता है.मोहर पैड के ब्लू निशान धीरे-धीरे फीका पड़ जाता है.अंगुलिओं पर स्याही लगते समय इस बात का ध्यान रखे कि स्याही ज्यादा ना पोते.स्याही अच्छी तरह से मिलाये ताकि निशान साफ़-साफ नज़र आये.बहुत सारे लोग ज्यादा अच्छा के चक्कर में ज्यादा स्याही लगाकर निशान देते है,नतीजा,अंगुलिओं के निशान की धारी दिखती ही नहीं है.लगता है पेंट कर दिया गया है.निशान देते समय हथेली को पेज नंबर तीन की तरफ रखे.यानि अँगुलियों का जड़ (हथेली) पेज तीन की तरफ रहेगा.इन निशानों को घेर कर प्रधानाध्यापक सत्यापित करेंगे और मोहर लगेगा.
(3) तीसरा पेज=कर्मचारी का विवरण
अपना
नाम,पिता
का नाम,पता
इत्यादि खड़ी लाइन के बाद लिखे.ध्यान रहे क्रम संख्या 10 में निशान ना लगाये.यह
निरक्षर लोगो के लिए है.अपना हस्ताक्षर करे.आपके हस्ताक्षर के दाहिने बगल
प्रधानाध्यापक का साइन होगा और मोहर लगेगा.क्रम संख्या 12 को जरुर भरे.
(4) चौथा पेज=
क्रम संख्या एक में अपना नाम,शिक्षक का प्रकार(माध्यमिक,उच्चतर माध्यमिक),विद्यालय का नाम तथा नियत वेतन का विवरण.क्रम संख्या चार में आपके शुरूआती वेतन,वेतन वृद्धि,सरकारी सेवक का हस्ताक्षर इत्यादि भरे.
(5) पाँचवा पेज=
मुख्य बातें यही लिखी जाती है.कॉलम नंबर 13,14 और 15 को मिलाकर बातें यहाँ लिखी जाती है.STET पास माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक शिक्षक जिनका नियोजन 2014 में हुआ है उनके लिए सेवा-पुस्तिका का फॉर्मेट दिया जा रहा है.इसमें बिहार सरकार के नियोजन प्रक्रिया का दिनांक,पत्रांक और नियोजन इकाई का दिनांक,पत्रांक,नियोजन का विषय,प्रशिक्षित/अप्रशिक्षित तथा नियत वेतन लिखा जायेगा.प्रधानाध्यापक हस्ताक्षर करके मोहर लगायेंगे.
फिर
वेतन में वार्षिक बढोतरी का दिनांक,पत्रांक के साथ वर्णन
होगा. प्रधानाध्यापक हस्ताक्षर करके मोहर लगायेंगे.
फिर
प्रधानाध्यापक आपकी सेवा अवधि को संपुष्ट करेंगे. प्रधानाध्यापक हस्ताक्षर करके
मोहर लगायेंगे.
(6) पेज 6
क्रमांक एक में शिक्षक का प्रकार,विद्यालय का नाम तथा वेतनमान (5200-20200) लिखायेगा.क्रम संख्या 2-5 तक में वेतन निर्धारण का वर्णन होगा.फिर प्रधानाध्यापक हस्ताक्षर करके मोहर लगायेंगे.
अन्य शिक्षकों के सेवा-पुस्तिका का प्रारूप अभिषेक कुमार भारतीय ने अपने टाइम लाइन और परिवर्तनकारी प्रारंभिक शिक्षक संघ ग्रुप पर पोस्ट किया है.आप वहां से भी मदद ले सकते है.
अंत में =
विधानसभा चुनाव का चौथा और पाँचवा चरण आने वाला है.10 नवंबर को साफ़ हो जायेगा कि बिहार में किस पार्टी की सरकार बनेंगी.आपका वोट बिहार के विकास और शिक्षक के हित को तय करेगा.नयी सरकार में फिर से शिक्षकों के हित की बात होगी और हक़ की लड़ाई लड़ी जायेगी.अपने विवेक से अच्छी और साफ़-सुथरी सरकार चुने.ताकि बार-बार हक़ की लड़ाई लड़ना न पड़े.ताकि शिक्षकों को जानवरों की तरह लाठी और जूतों से पिटाई ना खाना पड़े.बिहार और शिक्षकों के विकास के लिये वोट दे तथा चुनाव करवाये.क्यूंकि चुनाव कराने की बागडोर आपके ही हाथों में है.
जय भारत
जय बिहार
जय शिक्षक
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Wednesday, October 28, 2015
Tuesday, October 27, 2015
Monday, October 26, 2015
Saturday, October 24, 2015
नियोजित शिक्षकों का सेवा-पुस्तिका अद्धतन के नाम पर आर्थिक शोषण जारी,संघ और नेताओं का मौन स्वीकृति
सभी सम्मानीय शिक्षकों को मैं Ashutosh दुर्गापूजा-दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ देता हूँ.माँ भगवती
महामाया आपके जीवन में सुख-समृद्धि और खुशियाँ प्रदान करे.आपके परिवार को खुशियों
और धन-धान्य से भर दे.आपकी सारी तकलीफे दूर हो जाये.जय माँ भगवती.जय माँ लक्ष्मी.
तकलीफे
बहुत है पर उसका समाधान नहीं है.अगर समाधान है भी तो उसे कठिन बना दिया गया है.यह
कटु सत्य है कि नियोजित शिक्षकों का आर्थिक पक्ष बेहद ही दुखद और कमजोर है.जो
शिक्षक 9 से
12 हजार रूपए में अपने परिवार का भरण-पोषण करते है,उनके दुःख को हम महसूस
कर सकते है.और जब 5-6 महीने वेतन नहीं मिलता है तो कितनी तकलीफों का सामना करना पड़ता है,उस दर्द को हम महसूस
नहीं कर सकते है.
अधूरे
वेतनमान देकर नीकु सरकार स्वंय अपनी पीठ थपथपा रही है.मीडिया से यह समाचार फैलाया
गया है कि नियोजित शिक्षकों को दुर्गापूजा से पहले वेतनमान का वेतन भुगतान
होगा.जिसके लिए 13 अरब रूपए दिए गए है.वेतन भुगतान प्रक्रिया में वेतन निर्धारण
प्रपत्र और सेवा पुस्तिका अद्धतन(uptate) अनिवार्य किया गया
है.बहुत सारे शिक्षक साथियों ने फेसबुक,व्हाट्स एप इत्यादि के
माध्यम से सेवा पुस्तिका बनाने का तरीका शेयर किया है ताकि दुसरे शिक्षक भी सेवा
पुस्तिका बना सके.
वेतन
निर्धारण प्रपत्र डाउनलोड करके तथा सेवा पुस्तिका लिखवाकर उसे BRC,CRC,BEO,DEO,DPO
इत्यादि
अधिकारीयों के पास सत्यापन हेतु जमा किये गये.इस आशा में कि सत्यापन होने के बाद
वेतन भुगतान की प्रक्रिया शुरू होगी तथा पर्व पर वेतन मिलेगा.मगर समस्याएँ यहाँ भी
नियोजितों का साथ छोड़ने को तैयार नहीं है.सेवा पुस्तिका सत्यापन के नाम पर
अधिकारीयों ने अपने दलालों के माध्यम से खुली लूट मचा रखी है.500-1500
रूपए
तक प्रति शिक्षक सत्यापन के नाम पर लिये जा रहे है.गुंडागर्दी(रिश्वत) नहीं देने
पर काम को पेंडिंग में डाल दिया जाता है.यह हाल बिहार के हर जिले का है.
श्री
नीतिश कुमार (माननीय मुख्यमंत्री,बिहार सरकार) और लालू प्रसाद यादव (राजद प्रमुख) अगर आप
तक मेरी बात पहुँच रही है तो आपलोग तत्काल ऐसे दलालों पर रोक लगाकर क़ानूनी कारवाई
करे.क्यूंकि अगर नियोजित शिक्षक किसी अधिकारी की वरीय अधिकारी के पास शिकायत करते
है तो शिकायतकर्ता शिक्षक को देख लेने की धमकी भी दी जाती है.इनके लिए 500
रूपए
रिश्वत देना भी बहुत भारी है.
आपलोग
आकाश में उड़ते है,एसी
घर और गाड़ी में रहते है,रूपए
की भी कोई कमी नहीं है.शायद आपलोग नियोजित शिक्षकों के दर्द को नहीं समझ
पायेंगे.किन विपरीत परिस्थितियों में रहकर,बिना वेतन के नियोजित
शिक्षक बच्चों को पढ़ाते है.कभी मौका निकालकर हमारी भी सुधि लीजिये.
शिक्षक
संघ और उसके नेता भी इस लूट पर मौन धारण किये हुये है.इससे यह साबित होता है कि इन
तथाकथित नेताओं का भी मौन स्वीकृति है.अभी तक एक भी नेता ने इस लुटपाट के खिलाफ
आवाज नहीं उठाया है.मैं धन्यवाद करता हूँ कुछ क्रांतिकारी शिक्षक साथियों का
जिन्होंने किसी धमकी की परवाह किये बिना आन्दोलन शुरू किया है और मुंहतोड़ जबाव दे
रहे है.ऐसे वीर शिक्षकों को कोटि-कोटि नमन.
कहने
को शिक्षक राष्ट्र और समाज निर्माता होते है,पर आज नियोजित शिक्षक
खुद बेबस है.ये राष्ट्र निर्माता,समाज निर्माता सारा फ़िल्मी डायलॉग लगता है. डायलॉग देना
छोड़िये और सम्मानजनक जीवन जीने का हक़ दीजिये,समय से वेतन
दीजिये.वेतनमान के नाम पर नीकु बाबु आपने क्या दिया है उसे सब जानते है.लेकिन
सरकार! जो दिया है वही ईमानदारीपूर्वक दीजिये.हम नियोजित शिक्षकों को राजनीतिक
मोहरा ना बनाये.
सरकार
किसी की भी बने नियोजित शिक्षक अपना काम ईमानदारी के करते थे और करेंगे.शिक्षा
व्यवस्था में सुधार तब आयेगा जब सरकार में बैठे लोग एसी से निकलकर जमीनी हकीकत
देखते हुए निर्णय लेंगे.आज जितनी तेजी और जबावदेही वेतन भुगतान प्रक्रिया में है,उतनी ही तेजी और
जबावदेही अन्य विभाग में भी हो तो सच में हमारा बिहार भारत में नंबर वन हो जायेगा.
जय
भारत
जय
बिहार
जय
शिक्षक
जय
शिक्षक महासंघ
I
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