Saturday, May 9, 2020

नियोजित शिक्षकों के आत्मसम्मान का चीरहरण के साथ समाप्त हुआ महाहड़ताल


नियोजित शिक्षकों के आत्मसम्मान का चीरहरण के साथ समाप्त हुआ महाहड़ताल,शिक्षक नेता ही बन गए सरकार के लिए ढ़ाल ....

सभी आदरणीय शिक्षकों को Ashutosh Amit का नमस्कार.जिस प्रकार महाभारत में दुर्योधन और दुशासन ने द्रोपदी का चीरहरण किया था उसी प्रकार नियोजित शिक्षकों के स्वाभिमान का चीरहरण बिहार सरकार के सामने घुटने टेक कर और हड़ताल समाप्त कर किया गया है.कोरोना महामारी और 74 शिक्षकों के मौत के बाद भी सरकार वार्ता को तैयार नहीं थी और एकाएक ऐसा क्या हो गया कि समन्वय समिति और बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ (BSTA) को हड़ताल तोड़ना पड़ा?
हड़ताल तीन मुद्दों पर समाप्त हुआ-निलंबन वापस हो,अप्रैल तक का वेतन और महामारी के बाद वार्ता.वेतन हड़ताल अवधि और लॉक डाउन का काट कर मिलेगा.ये कैसी वार्ता है?
लगभग 20 लाख मजदूर दुसरे राज्य से आने वाले है.जिसे स्कूलों में ही क्वारंटाइन में रखा जायेगा.जिसकी देखरेख की जिम्मेवारी हम मास्टरों को ही मिलेगा.नियोजित मास्टर सस्ता है,कोरोना से मर गया तो सिर्फ 4 लाख ही देना पड़ेगा और नियमित मास्टर मरेगा तो 50 लाख देना होगा.
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कहते थे समान वेतनमान लेंगे और हड़ताल अवधि का वेतन भी नहीं दिलवा पाये.सामंजस्य महामारी के बाद होता.बस सरकार के इशारे का इंतजार था.भाई,MLC का टिकट लेना है इसलिए नियोजितों को चीरहरण कर नंगा कर दिया.जो शिक्षक हड़ताल में नहीं गए वही फायदे में रहे.निलंबित भी नहीं हुए,वेतन भी मिला,कॉपी जांच का पैसा भी मिला और लॉक डाउन छुट्टी का मजा भी लिए.
हम कमजोर इसलिए है क्योंकि हमारा नेतृत्व दुर्योधन और दुशासन करता है और जब तक ऐसे रंगा-बिल्ला हमारा नेतृत्व करेगा तब तक समान वेतनमान कभी नहीं मिलेगा.तो उठिये और स्कूल में क्वारंटाइन सेंटर संभालिये.और हाँ,अपने क्रोध को भविष्य के लिए संभाल कर रखिये.
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और अंत में...
सबसे बड़ा सवाल तो रह ही गया कि हड़ताल से क्या मिला?अब आने वाले दिनों में नेताओं की अपील पर शिक्षक हड़ताल में शामिल नहीं होंगे.स्कूलों में क्वारंटाइन सेंटर बिहार सरकार के गले की हड्डी थी जो शिक्षकों के बिना सफल नहीं हो पाता.सरकार को घुटने पर लाने का एक बेहतरीन मौका था जिसे हमने स्वंय ख़त्म कर लिया.
जय भारत,जय बिहार,जय शिक्षक.
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आशुतोष
+2 शिक्षक
प्रोजेक्ट कन्या +2 विधालय कुमारखंड,मधेपुरा (बिहार)
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