Friday, April 1, 2016

शिक्षक नेताओं की राजनीति में पिसते नियोजित शिक्षक


सभी सम्मानीय शिक्षकों को Ashutosh Amit का नमस्कार.एक कहावत है,’गये थे हरि भजन करने,ओटने लगे कपास’.कुछ ऐसा की हाल बिहार के नियोजित शिक्षकों के तथाकथित नेताओं का है.पिछले साल का महाआन्दोलन और महाहड़ताल याद होगा.बिहार के शिक्षा इतिहास की यह ऐतिहासिक घटना थी जब प्राथमिक से लेकर +2 तक के सभी शिक्षक समान काम-समान वेतनमान के समर्थन में हड़ताल पर गए थे.शिक्षक नेताओं ने जिन मांगों के समर्थन में हड़ताल किया था क्या वह मिला?



आइये आपको याद दिलाते है.मांगे और उसका परिणाम....

(1) समान काम-समान वेतनमान.....नहीं मिला.
(2) पूर्ण वेतनमान.......आधा-अधुरा वेतनमान मिला.

(3) सेवा-शर्त........नहीं मिला.
(4) स्थांतरण........नहीं मिला.

(5) हाई स्कूल तक के शिक्षकों को सहायक शिक्षक का और +2 के शिक्षकों को प्रवक्ता/व्याख्याता का दर्जा मिला .......नहीं मिला.
(6) समय से वेतन भुगतान......नहीं मिला.
(7) सभी TET-STET अभ्यार्थिओं का नियोजन......नहीं हुआ.
अच्छा नियोजित शब्द हटा?जी नहीं,हम अभी भी नियोजिते मास्टर है.
इस महाआंदोलन की विफलता का कारण संघ के नेता ही है जो नही चाहते कि नियोजितों को ये फायदा मिले.अगर मिल गया तो इनकी राजनीति की दुकान कैसे चलेगी?कौन इन्हें पूछेगा?आन्दोलन के दौरान नेताओं की आपसी खींचातानी और झगड़े जग-जाहिर है.कम से कम पूर्ण वेतनमान तो मिल ही सकता था.मगर वह भी नहीं दिला सके.गये थे समान काम-समान वेतनमान के लिए लेकर आये अधुरा वेतनमान.


हाँ! कुछ नेताओं ने बाजी जरुर मारा है.प्रदीप पप्पू गोप गुट,ब्रजवासी गुट,पूरण गुट ने वरीयता का लाभ दिलाकर अपनी ताकत का परिचय दिया है.इन्होंने गुलर में भी फूल खिला दिया.भला हो TET-STET के दलाल और ठग नेताओं का जिन्होंने गुलाब में भी कांटे ही चुभाये है.अप्रशिक्षितों को ग्रेड पे न मिलना,प्रशिक्षितों को दो साल के बाद ग्रेड पे मिलना विफलता की निशानी है.
मार्कंड पाठक प्रशांत भूषण वकील से राय लेने दिल्ली गये.कथित तौर पर हाईकोर्ट में बिहार सरकार पर केस भी किया है.पर आज तक सुनवाई ही नही हुई है.हाँ केस के नाम पर चंदा जरुर इकठ्ठा हो रहा है.मार्कंड के खिलाफ अमरदीप डिसूजा ने मौर्चा खोला है,देखते है क्या कर पाते है.
इसी साल फ़रवरी-मार्च में कुछ नेताओं ने पटना में धरना-प्रदर्शन और विधानसभा घेराव का कार्यक्रम रखा था.पर यह टाइमिंग गलत कहा जायेगा.इंटर-मैट्रिक परीक्षा में अधिकतर शिक्षक वीक्षण और कार्यालय कार्य के कारण शामिल नहीं हो सके.अभी वर्ग 8 की परीक्षा है.
जहाँ तक फिर से आन्दोलन या हड़ताल की बात है तो अब वैसा महाआन्दोलन मुश्किल लगता है.TET-STET शिक्षक दूध का जला है इसलिए मठ्ठा भी फूंक-फूंक कर ही पियेगा.



इतना सच तो जरुर है कि नेताओं की राजनीति में शिक्षक पिस रहे है.सरकार तो ऐसे नेताओं को ही खोजती है.अब कम से कम नये नेता और संघ ना बने और सभी मिलकर अपनी चट्टानी एकता दिखाते हुए समान काम-समान वेतनमान,सेवा-शर्त,स्थांतरण और सभी TET-STET पास अभ्यार्थियों के सम्पूर्ण नियोजन हेतु सामूहिक प्रयास करे.तभी नेताओं की नेतागिरी सफल मानी जायेगी.

जय भारत,जय बिहार,जय शिक्षक.
सभी शिक्षक मित्रों से अनुरोध है की मेरे what’s app नंबर 9708200702 पर अपना नाम,स्कूल और जिला मैसेज करे.क्यूंकि आने वाले दिनों में इसकी जरुरत पड़ने वाली है.इसे अतिआवश्यक समझा जाये.



आशुतोष 
10+2 शिक्षक 

प्रोजेक्ट कन्या +2 विद्यालय कुमारखंड,मधेपुरा (बिहार)
mobile no.- 7870900690
What’s app नंबर 9708200702
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