(1) मुंगेर जिप = 2 जनवरी से 4 जनवरी (2) दरभंगा जिप = 6 और 7 जनवरी (3) सीवान जिप = 4 और 5 जनवरी (4) सुपौल जिप / नप ==10 जनवरी के आसपास (5) कटिहार जिप = 10 जनवरी के आसपास (6) सीतामढ़ी जिप = 10 जनवरी के आसपास (7) मुजफ्फरपुर जिप / नप = 10 जनवरी के आसपास (8) अररिया सहमति जिप /नप = 10 जनवरी के आसपास (9) सहरसा सहमति = अप्रशिक्षित = जिप = 7 जनवरी (10) मधुबनी सहमति == 10 जनवरी के आसपास
नोट-राजनीति से ऊपर उठकर सामान्य इन्सान की तरह सोचना !
पूरे उत्तर भारत में शीत लहर प्रारंभ हो चुकी है लेकिन मुज्ज़फरनगर दंगों के पीड़ित (लगभग 1 लाख लोग) अभी भी राहत शिविरों में रहने को मजबूर है , सब जानते है राहत शिविरों में सिर्फ एक तम्बू वो भी ओस के सामने लाचार नज़र आता है , कैसे कटती होंगी उन इंसानों की रातें जो इन शिविरों में रहने पर मजबूर है , क्या उत्तर प्रदेश सरकार को उनके लिए उचित व्यवस्था नहीं करनी चाहिए ?
अखिलेश यादव जी आप उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री है आपको तो उत्तर प्रदेशवासियों का दर्द समझना चाहिए ,अगर इसी तरह की उदासीनता रही तो क्या आप समाजवादी कहलाने लायक रहोगे ? उम्मीद करते है कि आप उन दंगा पीड़ितों के लिए उचित व्यवस्था करेंगे |
Madhubani zila mai
ReplyDeleteआने वाली कौंसलिंग / सहमति का समय ==
ReplyDelete(1) मुंगेर जिप = 2 जनवरी से 4 जनवरी
(2) दरभंगा जिप = 6 और 7 जनवरी
(3) सीवान जिप = 4 और 5 जनवरी
(4) सुपौल जिप / नप ==10 जनवरी के आसपास
(5) कटिहार जिप = 10 जनवरी के आसपास
(6) सीतामढ़ी जिप = 10 जनवरी के आसपास
(7) मुजफ्फरपुर जिप / नप = 10 जनवरी के आसपास
(8) अररिया सहमति जिप /नप = 10 जनवरी के आसपास
(9) सहरसा सहमति = अप्रशिक्षित = जिप = 7 जनवरी
(10) मधुबनी सहमति == 10 जनवरी के आसपास
आप भी अपने स्तर से जाँच कर ले
नोट-राजनीति से ऊपर उठकर सामान्य इन्सान की तरह सोचना !
ReplyDeleteपूरे उत्तर भारत में शीत लहर प्रारंभ हो चुकी है
लेकिन मुज्ज़फरनगर दंगों के पीड़ित
(लगभग 1 लाख लोग) अभी भी
राहत शिविरों में रहने को मजबूर है ,
सब जानते है राहत शिविरों में सिर्फ
एक तम्बू वो भी ओस के सामने
लाचार नज़र आता है ,
कैसे कटती होंगी उन इंसानों
की रातें जो इन शिविरों में
रहने पर मजबूर है ,
क्या उत्तर प्रदेश सरकार को
उनके लिए उचित व्यवस्था नहीं करनी चाहिए ?
अखिलेश यादव जी आप उत्तर प्रदेश के
मुख्यमंत्री है आपको तो उत्तर प्रदेशवासियों
का दर्द समझना चाहिए ,अगर इसी तरह की
उदासीनता रही तो क्या आप समाजवादी
कहलाने लायक रहोगे ?
उम्मीद करते है कि आप
उन दंगा पीड़ितों के लिए उचित व्यवस्था करेंगे |