पुरस्कार उपाधि :- देश के सबसे श्रेष्ठ ई-गवर्न्ड राज्य का ELITEX 2007 - पुरस्कार भारत की केन्द्र सरकार की ओर से प्राप्त।
जीवन परिचय:-
नरेंद्र मोदी को अपने बाल्यकाल से कई तरह की विषमताओं एवं विपरीत परिस्थितियों का सामना करना पड़ा है, किन्तु अपने उदात्त चरित्रबल एवं साहस से उन्होंने तमाम अवरोधों को अवसर में बदल दिया, विशेषकर जब उन्होने उच्च शिक्षा हेतु कॉलेज तथा विश्वविद्यालय में प्रवेश लिया। उन दिनों वे कठोर संद्यर्ष एवं दारुण मन:ताप से घिरे थे, परन्तु् अपने जीवन- समर को उन्होंने सदैव एक योद्धा- सिपाही की तरह लड़ा है। आगे क़दम बढ़ाने के बाद वे कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखते, साथ-साथ पराजय उन्हें स्वीकार्य नहीं है। अपने व्यक्तित्व की इन्हीं विशेषताओं के चलते उन्होंने राजनीति शास्त्र विषय के साथ अपनी एम.ए की पढ़ाई पूरी की।
राजनीतिक जीवन:-
1984 में देश के प्रसिद्ध सामाजिक-सांस्कृ तिक संगठन, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आर.एस.एस) के स्वयं सेवक के रूप में उन्होंने अपने जीवन की शुरुआत की। यहीं उन्हें निस्वार्थता, सामाजिक दायित्वबोध, समर्पण और देशभक्ति के विचारों को आत्म सात करने का अवसर मिला। अपने संघ कार्य के दौरान नरेंद्र मोदी ने कई मौकों पर महत्त्वपूर्ण भूमिकाएं निभाई हैं। फिर चाहे वह 1974 में भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ चलाया गया आंदोलन हो, या 19 महीने (जून 1975 से जनवरी 1977) चला अत्यंत प्रताडि़त करने वाला'आपात काल'हो।
भाजपा में प्रवेश:-
1987 में भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) में प्रवेश कर उन्होंने राजनीति की मुख्यधारा में क़दम रखा। सिर्फ़ एक साल के भीतर ही उनको गुजरात इकाई के प्रदेश महामंत्री (जनरल सेक्रेटरी) के रूप में पदोन्नत कर दिया गया। तब तक उन्होंने एक अत्यंत ही कार्यक्षम व्यवस्थापक के रूप में प्रतिष्ठा हासिल कर ली थी। पार्टी को संगठित कर उसमें नई शक्ति का संचार करने का चुनौतीपूर्ण काम भी उन्होंने स्वीकार कर लिया। इस दौरान पार्टी को राजनीतिक गति प्राप्त होती गई और अप्रैल, 1990 में केन्द्र में साझा सरकार का गठन हुआ। हालांकि यह गठबंधन कुछ ही महीनो तक चला, लेकिन 1995 में भाजपा अपने ही बलबूते पर गुजरात में दो तिहाई बहुमत हासिल कर सत्ता में आई।
व्यक्तित्व नरेन्द्र मोदी:-
नरेन्द्र मोदी की छवि एक कठोर प्रशासक और कड़े अनुशासन के आग्रही की मानी जाती है, लेकिन साथ ही अपने भीतर वे मृदुता एवं सामर्थ्य की अपार क्षमता भी संजोये हुए हैं। नरेन्द्र मोदी को शिक्षा-व्यवस्था में पूरा विश्वास है। एक ऐसी शिक्षा-व्यवस्था जो मनुष्य के आंतरिक विकास और उन्नति का माध्यम बने एवं समाज को अँधेरे, मायूसी और ग़रीबी के विषचक्र से मुक्ति दिलाये। विज्ञान और प्रौद्योगिकी में नरेन्द्र मोदी की गहरी दिलचस्पी है। उन्होंने गुजरात को ई-गवर्न्ड राज्य बना दिया है और प्रौद्योगिकी के कई नवोन्मेषी प्रयोग सुनिश्चित किये हैं।'स्वागत ऑनलाइन'और'टेलि फरियाद'जैसे नवीनतम प्रयासों से ई-पारदर्शिता आई है, जिसमें आम नागरिक सीधा प्रशासन के उच्चतम कार्यालय का संपर्क कर सकता है। जनशक्ति में अखण्ड विश्वास रखने वाले नरेन्द्र मोदी ने बखूबी क़रीब पाँच लाख कर्मचारियों की मज़बूत टीम की रचना की है। नरेन्द्र मोदी यथार्थवादी होने के साथ ही आदर्शवादी भी हैं। उनमें आशावाद कूटकूट कर भरा है। उनकी हमेशा एक उदात्त धारणा रही है कि असफलता नहीं, बल्कि उदेश्य का अनुदात्त होना अपराध है। वे मानते हैं कि जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में सफलता के लिए स्पष्ट दृष्टि, उद्देश्य या लक्ष्य का परिज्ञान और कठोर अध्यवसाय अत्यंत ही आवश्यक गुण हैं।
पुरस्कार:-
मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कार्यकाल के दौरान राज्य के पृथक-पृथक क्षेत्रों में 60 से अधिक पुरस्कार प्राप्त किये हैं। उनमें से कुछ का उल्लेख नीचे किया जा रहा है-
=16-10-2003 आपदा प्रबंधन और ख़तरा टालने की दिशा में संयुक्त राष्ट्र की ओर से सासाकावा पुरस्कार।
= अक्टूबर-2004 प्रबंधन में नवीनता लाने के लिए'कॉमनवेल्थ एसोसिएशन्स'की ओर से CAPAM गोल्ड पुरस्कार।
= 27-11-2004'इन्डिया इन्टरनेशनल ट्रेड फेयर-2004 में इन्डिया ट्रेड प्रमोशन ऑर्गेनाइज़ेशन फॉर गुजरात्स एक्सेलन्स'की ओर से'स्पेशल कमेन्डेशन गोल्ड मेडल'दिया गया।
(1) मुंगेर जिप = 2 जनवरी से 4 जनवरी (2) दरभंगा जिप = 6 और 7 जनवरी (3) सीवान जिप = 4 और 5 जनवरी (4) सुपौल जिप / नप ==10 जनवरी के आसपास (5) कटिहार जिप = 10 जनवरी के आसपास (6) सीतामढ़ी जिप = 10 जनवरी के आसपास (7) मुजफ्फरपुर जिप / नप = 10 जनवरी के आसपास (8) अररिया सहमति जिप /नप = 10 जनवरी के आसपास (9) सहरसा सहमति = अप्रशिक्षित = जिप = 7 जनवरी (10) मधुबनी सहमति == 10 जनवरी के आसपास (11) अरवल जिप = 4 या 5 जनवरी
27 दिसंबर को सारण नगर परिशद में विदालय चयन के लिए सभी विषये को बुलाया गया था. जिस विषय में जितनी सीट थी उतने ही कैंडिडेट को बुलाया गया था . कंप्यूटर साइंस में में भी केवल एक सीट थी. इसलिए केवल एक स्टूडेंट को बुलाया था . स्कूल चयन के लिए सुबाष कुमार को बुलाया गया. सुबाष कुमार का मेघा अंक 63 .99 है . संजीव कुमार जो फाइनल लिस्ट और कौंसलिंग में पहले नंबर पे है और उनका मेघा अंक 72 .66 को नहीं बुलाया गया . मैं सरवर जमाल फाइनल लिस्ट और कौंसलिंग में दूसरे पोजीशन पे था. मेरा मेघा अंक 69 .92 है . पूछने पे सारण नगर के स्टाफ ने कहा कि सुबाष कुमार ट्रैन्ड है . इसलिए उनको बुलाया गया . मैंने कहा कि कंप्यूटर वाले ट्रैन्ड ही होते है. उन्हों ने कहा कि हम लोगो को परमिशन मिला है कि केवल ट्रैन्ड को बुलाने का . फ्रेंड्स प्लीज बताये क्या किया जाये.
NAMO
ReplyDeleteपूरा नाम :- नरेन्द्र दामोदरदास मोदी
जन्म :- 17 सितंबर, 1950
जन्म भूमि :- वड़नगर, मेहसाणा ज़िला, गुजरात
पद :- चौदहवें मुख्यमंत्री, गुजरात
कार्यकाल :- 7 अक्टूबर, 2001 से अब तक
विद्यालय :- गुजरात विश्वविद्यालय
शिक्षा :- एम.ए (राजनीति शास्त्र)
पुरस्कार उपाधि :- देश के सबसे श्रेष्ठ ई-गवर्न्ड
राज्य का ELITEX 2007 - पुरस्कार भारत
की केन्द्र सरकार की ओर से प्राप्त।
जीवन परिचय:-
नरेंद्र मोदी को अपने बाल्यकाल से कई तरह
की विषमताओं एवं विपरीत
परिस्थितियों का सामना करना पड़ा है, किन्तु अपने
उदात्त चरित्रबल एवं साहस से उन्होंने तमाम
अवरोधों को अवसर में बदल दिया, विशेषकर जब
उन्होने उच्च शिक्षा हेतु कॉलेज
तथा विश्वविद्यालय में प्रवेश लिया। उन दिनों वे
कठोर संद्यर्ष एवं दारुण मन:ताप से घिरे थे, परन्तु्
अपने जीवन- समर को उन्होंने सदैव एक योद्धा-
सिपाही की तरह लड़ा है। आगे क़दम बढ़ाने के बाद
वे कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखते, साथ-साथ
पराजय उन्हें स्वीकार्य नहीं है। अपने व्यक्तित्व
की इन्हीं विशेषताओं के चलते उन्होंने
राजनीति शास्त्र विषय के साथ अपनी एम.ए
की पढ़ाई पूरी की।
राजनीतिक जीवन:-
1984 में देश के प्रसिद्ध सामाजिक-सांस्कृ तिक
संगठन, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आर.एस.एस) के
स्वयं सेवक के रूप में उन्होंने अपने जीवन
की शुरुआत की। यहीं उन्हें निस्वार्थता, सामाजिक
दायित्वबोध, समर्पण और देशभक्ति के
विचारों को आत्म सात करने का अवसर मिला।
अपने संघ कार्य के दौरान नरेंद्र मोदी ने कई
मौकों पर महत्त्वपूर्ण भूमिकाएं निभाई हैं। फिर चाहे
वह 1974 में भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़
चलाया गया आंदोलन हो, या 19 महीने (जून
1975 से जनवरी 1977) चला अत्यंत प्रताडि़त
करने वाला'आपात काल'हो।
भाजपा में प्रवेश:-
1987 में भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) में प्रवेश
कर उन्होंने राजनीति की मुख्यधारा में क़दम रखा।
सिर्फ़ एक साल के भीतर ही उनको गुजरात इकाई
के प्रदेश महामंत्री (जनरल सेक्रेटरी) के रूप में
पदोन्नत कर दिया गया। तब तक उन्होंने एक
अत्यंत ही कार्यक्षम व्यवस्थापक के रूप में
प्रतिष्ठा हासिल कर ली थी। पार्टी को संगठित कर
उसमें नई शक्ति का संचार करने का चुनौतीपूर्ण
काम भी उन्होंने स्वीकार कर लिया। इस दौरान
पार्टी को राजनीतिक गति प्राप्त होती गई और
अप्रैल, 1990 में केन्द्र में साझा सरकार का गठन
हुआ। हालांकि यह गठबंधन कुछ ही महीनो तक
चला, लेकिन 1995 में भाजपा अपने ही बलबूते पर
गुजरात में दो तिहाई बहुमत हासिल कर सत्ता में
आई।
व्यक्तित्व नरेन्द्र मोदी:-
नरेन्द्र मोदी की छवि एक कठोर प्रशासक और
कड़े अनुशासन के आग्रही की मानी जाती है,
लेकिन साथ ही अपने भीतर वे मृदुता एवं सामर्थ्य
की अपार क्षमता भी संजोये हुए हैं। नरेन्द्र
मोदी को शिक्षा-व्यवस्था में पूरा विश्वास है। एक
ऐसी शिक्षा-व्यवस्था जो मनुष्य के आंतरिक
विकास और उन्नति का माध्यम बने एवं समाज
को अँधेरे, मायूसी और ग़रीबी के विषचक्र से
मुक्ति दिलाये। विज्ञान और प्रौद्योगिकी में
नरेन्द्र मोदी की गहरी दिलचस्पी है। उन्होंने
गुजरात को ई-गवर्न्ड राज्य बना दिया है और
प्रौद्योगिकी के कई नवोन्मेषी प्रयोग सुनिश्चित
किये हैं।'स्वागत ऑनलाइन'और'टेलि फरियाद'जैसे
नवीनतम प्रयासों से ई-पारदर्शिता आई है, जिसमें
आम नागरिक सीधा प्रशासन के उच्चतम कार्यालय
का संपर्क कर सकता है। जनशक्ति में अखण्ड
विश्वास रखने वाले नरेन्द्र मोदी ने बखूबी क़रीब
पाँच लाख कर्मचारियों की मज़बूत टीम
की रचना की है। नरेन्द्र मोदी यथार्थवादी होने के
साथ ही आदर्शवादी भी हैं। उनमें आशावाद कूटकूट
कर भरा है। उनकी हमेशा एक उदात्त धारणा रही है
कि असफलता नहीं, बल्कि उदेश्य का अनुदात्त
होना अपराध है। वे मानते हैं कि जीवन के प्रत्येक
क्षेत्र में सफलता के लिए स्पष्ट दृष्टि, उद्देश्य
या लक्ष्य का परिज्ञान और कठोर अध्यवसाय
अत्यंत ही आवश्यक गुण हैं।
पुरस्कार:-
मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कार्यकाल के
दौरान राज्य के पृथक-पृथक क्षेत्रों में 60 से
अधिक पुरस्कार प्राप्त किये हैं। उनमें से कुछ
का उल्लेख नीचे किया जा रहा है-
=16-10-2003 आपदा प्रबंधन और ख़तरा टालने
की दिशा में संयुक्त राष्ट्र की ओर से
सासाकावा पुरस्कार।
= अक्टूबर-2004 प्रबंधन में नवीनता लाने के
लिए'कॉमनवेल्थ एसोसिएशन्स'की ओर से
CAPAM गोल्ड पुरस्कार।
= 27-11-2004'इन्डिया इन्टरनेशनल ट्रेड
फेयर-2004 में इन्डिया ट्रेड प्रमोशन
ऑर्गेनाइज़ेशन फॉर गुजरात्स एक्सेलन्स'की ओर
से'स्पेशल कमेन्डेशन गोल्ड मेडल'दिया गया।
आने वाली कौंसलिंग / सहमति का समय ==
ReplyDelete(1) मुंगेर जिप = 2 जनवरी से 4 जनवरी
(2) दरभंगा जिप = 6 और 7 जनवरी
(3) सीवान जिप = 4 और 5 जनवरी
(4) सुपौल जिप / नप ==10 जनवरी के आसपास
(5) कटिहार जिप = 10 जनवरी के आसपास
(6) सीतामढ़ी जिप = 10 जनवरी के आसपास
(7) मुजफ्फरपुर जिप / नप = 10 जनवरी के आसपास
(8) अररिया सहमति जिप /नप = 10 जनवरी के आसपास
(9) सहरसा सहमति = अप्रशिक्षित = जिप = 7 जनवरी
(10) मधुबनी सहमति == 10 जनवरी के आसपास
(11) अरवल जिप = 4 या 5 जनवरी
आप भी अपने स्तर से जाँच कर ले
मुंगेर जिप में subject wise कौंसलिंग date ===
ReplyDelete2 जनवरी -- (प्रशिक्षित ) = इतिहास ,समाजशास्त्र ,दर्शनशास्त्र ,मनोविज्ञान,एवं वाणिज्य
3 जनवरी (प्रशिक्षित) = राजनीति शास्त्र ,अर्थ शास्त्र ,गृह विज्ञानं ,हिंदी ,संस्कृत ,अंग्रेजी ,उर्दू , वाणिज्य ,बॉटनी ,computer science ,zoology,math,chemistry.
4 जनवरी== all untrained
Nishant jee Computer Sc subject ka counselling kab hai Zila Parishad Munger me.
ReplyDelete27 दिसंबर को सारण नगर परिशद में विदालय चयन के लिए सभी विषये को बुलाया गया था. जिस विषय में जितनी सीट थी उतने ही कैंडिडेट को बुलाया गया था . कंप्यूटर साइंस में में भी केवल एक सीट थी. इसलिए केवल एक स्टूडेंट को बुलाया था . स्कूल चयन के लिए सुबाष कुमार को बुलाया गया. सुबाष कुमार का मेघा अंक 63 .99 है . संजीव कुमार जो फाइनल लिस्ट और कौंसलिंग में पहले नंबर पे है और उनका मेघा अंक 72 .66 को नहीं बुलाया गया . मैं सरवर जमाल फाइनल लिस्ट और कौंसलिंग में दूसरे पोजीशन पे था. मेरा मेघा अंक 69 .92 है . पूछने पे सारण नगर के स्टाफ ने कहा कि सुबाष कुमार ट्रैन्ड है . इसलिए उनको बुलाया गया . मैंने कहा कि कंप्यूटर वाले ट्रैन्ड ही होते है. उन्हों ने कहा कि हम लोगो को परमिशन मिला है कि केवल ट्रैन्ड को बुलाने का . फ्रेंड्स प्लीज बताये क्या किया जाये.
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