तीसरी बार शेडयुल जारी किआ गया है। फिर एक महीने का समय लिया गया है। पिछले 2 साल से एक महीने का खेल चल रहा है। अब यह देखना है कि इस बार भी नियोजन इकाई की मनमानी चलती है या सरकार का कानून। क्योंकि नियोजन इकाई के आगे सरकार बेबस और लाचार है। नीकु बाबू कुछ कड़े कदम उठाये तभी शिक्षा और शिक्षक का भला हो पायेगा। याद रखियेगा चुनाव भी जल्द ही आने वाला है। अभी हमलोगो को दौड़ाइये बाद में हमलोग आपको दौड़ायेंगे। समय से सम्हल जाईये।
तीसरी बार शेडयुल जारी किआ गया है। फिर एक महीने का समय लिया गया है। पिछले 2 साल से एक महीने का खेल चल रहा है। अब यह देखना है कि इस बार भी नियोजन इकाई की मनमानी चलती है या सरकार का कानून। क्योंकि नियोजन इकाई के आगे सरकार बेबस और लाचार है।
ReplyDeleteनीकु बाबू कुछ कड़े कदम उठाये तभी शिक्षा और शिक्षक का भला हो पायेगा। याद रखियेगा चुनाव भी जल्द ही आने वाला है। अभी हमलोगो को दौड़ाइये बाद में हमलोग आपको दौड़ायेंगे। समय से सम्हल जाईये।