Thursday, February 13, 2014

+2 स्कूलों मे नहीं हो रहा कम्प्यूटर शिक्षको का नियोजन

+2 स्कूलों मे नहीं हो रहा कम्प्यूटर शिक्षको का नियोजन


1 comment:

  1. क्या किसी मानसिक रोग से पीड़ित हैं केजरीवाल ?.........
    होता है …ये भी होता है ……..कभी-कभी किसी आदमी को समझने में गलती हो सकती है …….
    मेरा सिर्फ ये एक सवाल है ….केजरीवाल समर्थक नाराज ना हों !
    …………….. सुना है इतिहास में भी कई वैज्ञानिक ,प्रोफेशनल ,एक्टिविस्ट ,कलाकार और अभिनेता अनेक प्रकार के मानसिक रोगों से ग्रसित रहे हैं …और उनके महान कार्यों ने समाज को नयी-नयी दिशाएँ और उचाइयां भी दी हैं !
    ………………. केजरीवाल को देख कर लगता नहीं है कि वो आजादी के 66 साल बाद नेतागीरी में उतरे हैं और कमाल की बात तो ये हैं 1947 के आंदोलन भी इतना उद्द्वेलित नहीं था क्योकि हमारे कोंग्रेसी नेता तो अहिंसा वादी थे आराम से आंदोलन चलता था बड़ी-बड़ी रैलियां,सम्मलेन और मुकद्दमे चलते रहे लेकिन एक केजरीवाल तब भी था जिसे हम तब जिन्ना के रूप में जानते थे अजीब जिद थी प्रधानमन्त्री बनाओ नहीं तो पाकिस्तान बनाओ लेकिन कांग्रेशी भी अजीब मिटटी के बने थे ये जिनसे पिटते हैं उन्हीं की इज्जत करते हैं आधा हम और आधा तुम के चक्कर में पाकिस्तान बनवा दिया ! जितने लोग 1857 से ले कर 1947 तक नहीं मरे उससे ज्यादा 15 अगस्त 1947 के बाद बटवारे में मर गए !
    ……………….. लेकिन बात तो केजरीवाल की है ………सही बताऊँ तो मैं ज्यादा इतिहास में नहीं गया हमसे पीछे तो केजरीवाल के सदस्य पहुच गए बकौल कुमार विश्वास पांडवों और कौरवो के जमाने में चले गए ये पांडव हैं …बाकी कौरव ………चुनाव को युद्ध में तब्दील कर दिया और लगे बातों के तीर ,बम ,गोले चलाने में और चुनाव चिन्ह झाड़ू का उपयोग तो बिलकुल हैरी पॉटर की तरह किया !
    ……………….. सच बताऊँ तो आज के कम्प्यूटर और मोबाइल के जमाने में ऐसे लोग पैदा हो रहे हैं घोर आश्चर्यचकित करने वाली घटना है ………….चूँकि केजरीवाल जी आई आर एस हैं उनकी बुद्धिमत्ता पर तो सवाल नहीं उठाया जा सकता इसीलिये मैं रोगी होने की बात कर रहा हूँ …..एक पक्ष में कितना उजाला और एक पक्ष में घनघोर अन्धेरा , एक पक्ष पर असीम विश्वास और एक पक्ष पर अटूट अविश्वास ! ऐसा लग रहा हैं जैसे प्रलय आने वाली हैं सब मिट जाएगा लोगों को इस प्रकार भ्रमित और उद्वेलित कर दिया लगता हैं जैसे कोई किसी का सगा नहीं रह गया जो इनका पक्ष नहीं लेते वो चोर ,लुटेरे और भ्रष्ट ……अन्ना भीष्म की तरह हो गए और कोंग्रेश धृतराष्ट्र ! लेकिन केजरीवाल और विश्वास को पता होना चाहिए श्री कृष्ण का एक नाम छलिया भी हैं लेकिन वो हैं कौन ? …….शायद श्री मान योगेन्द्र यादव !
    ……………….. जिसे देखो उसे केजरीवाल की खुजली ख़तम करने की उत्तेजना में हैं ………….कोंग्रेश , बीजेपी ,अन्ना एक छोर हो गए हैं लोगों को भी लग रहा हैं की ये सभी एक ही थाली के चट्टे बट्टे हैं ……लेकिन सही बात ये है कि ये सब केजरीवाल के मानसिक रोग को पहचान रहे हैं सब भागने और भगाने या भूत उतारने में प्रयास रत हैं ! लेकिन ये बात रोगी पहचान नहीं पा रहा वो आशंकित है घूर घूर कर देख रहा है ,विश्वास नहीं हो रहा …….ये तो दुश्मन हैं ये तो कहते थे सुई कि नोक के बराबर जगह भी नहीं देंगे….. फिर ये तो दिल्ली की गद्दी है !
    ……………….. ईमानदारी ना हो गयी खाज हो गयी ,घमौरी समझ ली है …..इचगार्ड लगाओ दूर भगाओ ! इलाज भी नहीं तंत्र ढकोसले किये जा रहे हैं ! तीन साल के अथक प्रयासों के बाद दिल्ली में 30 % ईमानदार निकले लेकिन मुझे 3 % पर भी भरोसा नहीं है मुझे लगता है 27 % तो लालच में आ गए हैं ………आधा बिल और फ्री पानी के चक्कर में ?
    …………………. समय लगता है …..भारत या धरती बनना कोई 100-50 पुरानी घटना नहीं है और ना ही मनुष्य का विकास कोई नयी घटना है .हजारों साल विकास हुआ है ! जैसे आज कोंग्रेश-बीजेपी से पूछा जा रहा है और अगर मै केजरीवाल से पूंछूं कि वो ये आंदोलन आज के 20 साल पहले भी कर सकते थे क्यों जनता को बीस साल इस भ्रष्टाचारी शासन मॅ तड़फने दिया ? भगत सिंह ने 20 साल की उम्र में फांसी गले लगा ली थी ? क्यों आई आई टी किया ? क्यों प्रसाशन में गए ? बीबी नौकरी वाली ढूढते रहे ?आज जब बच्चे आराम से पल रहे हैं घर में कोई जिम्मेवारी नहीं बची तब देश की याद आयी ? चलो ठीक है याद आ भी गयी है तो थोड़ा आराम आराम से चलो क्यों ओवर टाइम की तरह निपटा रहे हो ? इसी भ्रष्ट शासन में आपकी पत्नी भी तो नौकरी करती है क्यों उसे सब ठीक लगता है ?
    ………………….. महान बनने के लिए आपके पास सब कुछ है अब तो नाम से ले कर परिस्थितियां भी भगवान् ने दे दीं हैं लोग आपको महामानव की तरह देखते हैं भले आप खुद को आम आदमी बताते हों लेकिन बताते समय लगता नहीं कि आप घमंड से चूर नहीं हैं ………..लगता यही है कि जैसे आप कह रहे हों जो हूँ सो मैं ही हूँ बाकी कुछ नहीं ? और आपने ये साबित भी कर दिया !

    ………………….. में भी केजरीवाल को 14 दिसंबर तक महापुरुष समझता था लेकिन मेरा भ्रम भी टूट ही गया !

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