हिंदुओं के मंदिर पहले क्रूर मुग़लों ने लूटे (ताजमहल स्वयं एक उदाहरण है),फिर अंग्रेजों ने लुटे ,टीपू सुल्तान ने लूटे,एक आध बच गया होगा सो उसकी कथा प्रसिद्द हो गयी और जबकि आज हिन्दू अगर भारत में जिन्दा बचे हुए हैं उनकी रक्षा का श्रेय सिक्ख गुरुओं को और अंग्रेजों को ही जाता है वर्ना अगर अंग्रेज भारत में न आये होते तो आज भारत में हिन्दू भी न होते / यह बात अतीत की हो गयी लेकिन वर्त्तमान में क्या हो रहा है यह भी जानें /भारत में दो प्रकार के टेक्स हैं जिनसे सरकार को राजस्व मिलता है पहला डाइरेक्ट और दूसरा अनडाइरेक्ट, डाइरेक्ट टेक्स देने वाले 92 % हिन्दू हैं और डाइरेक्ट टेक्स देने वाली जनता भारत की जनसँख्या का केवल 15 % है /इस टेक्स का सदुपयोग सब्सिडी मुआवजे देकर एक विशेष वर्ग की वोट खरीदने में किया जाता है /जबकि जिस संप्रदाय से जितना टेक्स मिले उसी अनुपात में उसको सब्सिडी मुआजवा दिया जाता तो एक बार को समझा जा सकता था लेकिन जब सब्सिडी मुआवजा एक रोजी रोटी बन जाता है तो यह भी तिजोरी पर डकैती से कम नही ,इसकी रक्षा को कोई नही है /अभी मात्र एक वर्ष पहले दक्षिण भारत में स्वामी पद्मनाभन मंदिर में करोड़ों रूपया का सोना चांदी मिला था जानते हैं वह इस समय कहाँ है ?सन 1971 में इंदिरा गांधी के समय में भी एक मंदिर से अरबों रूपया का खजाना निकला था वह कहाँ हैं?जितना टेक्स सरकार को मिलता है उससे देश का विकास नही बल्कि वोट बैंक सुरक्षा में खर्च होता है /भारत स्वतंत्र हुआ उस समय अंग्रेजों ने 155 करोड़ रुपया नगद तिजोरी में छोड़ा और सारे कर्मचारयों का सितम्बर 1947 माह का वेतन तक की व्यवस्था भी छोड़ी थी ,भारत के ऊपर एक रूपया का भी कर्ज नही था और भारत का एक रूपया अमेरिका के एक डालर के बराबर था और आज रूपया कहाँ किस स्थिति में है बताने की जरुरत नही और यह जानकार आश्चर्य होगा कि भारत में पैदा होने वाला प्रत्येक बच्चा पैदा होते ही कई हजार रूपया का कर्जदार बन जाता है /बार बार टीवी न्यूज में यह खबर फैलायी जाती है कि अमुक मंदिर में इतना चढ़ावा आया और अमुक मंदिर में इतना धन है इसको बारीकी से समझना होगा कि यह क्यों फैलायी जा रही है क्योंकि भारत अब किसी भी सूरत में अपने ऊपर चढ़ा अरबों डालर विदेशी कर्ज उतार ही नही सकता इसलिए शीघ्र ही इन मंदिरों के खजाने को केंद्र और राज्य सरकार लूटेगी यही कारण है कि मोदी को रोकने का षड्यंत्र राष्ट्रीय एवं अंतराष्ट्रीय स्तर पर रचा जा रहा है जिसमे प्रमुख भूमिका निभाने वाले कोई और नही बल्कि सेक्युलर हिन्दू ही हैं
हिंदुओं के मंदिर पहले क्रूर मुग़लों ने लूटे (ताजमहल स्वयं एक उदाहरण है),फिर अंग्रेजों ने लुटे ,टीपू सुल्तान ने लूटे,एक आध बच गया होगा सो उसकी कथा प्रसिद्द हो गयी और जबकि आज हिन्दू अगर भारत में जिन्दा बचे हुए हैं उनकी रक्षा का श्रेय सिक्ख गुरुओं को और अंग्रेजों को ही जाता है वर्ना अगर अंग्रेज भारत में न आये होते तो आज भारत में हिन्दू भी न होते / यह बात अतीत की हो गयी लेकिन वर्त्तमान में क्या हो रहा है यह भी जानें /भारत में दो प्रकार के टेक्स हैं जिनसे सरकार को राजस्व मिलता है पहला डाइरेक्ट और दूसरा अनडाइरेक्ट, डाइरेक्ट टेक्स देने वाले 92 % हिन्दू हैं और डाइरेक्ट टेक्स देने वाली जनता भारत की जनसँख्या का केवल 15 % है /इस टेक्स का सदुपयोग सब्सिडी मुआवजे देकर एक विशेष वर्ग की वोट खरीदने में किया जाता है /जबकि जिस संप्रदाय से जितना टेक्स मिले उसी अनुपात में उसको सब्सिडी मुआजवा दिया जाता तो एक बार को समझा जा सकता था लेकिन जब सब्सिडी मुआवजा एक रोजी रोटी बन जाता है तो यह भी तिजोरी पर डकैती से कम नही ,इसकी रक्षा को कोई नही है /अभी मात्र एक वर्ष पहले दक्षिण भारत में स्वामी पद्मनाभन मंदिर में करोड़ों रूपया का सोना चांदी मिला था जानते हैं वह इस समय कहाँ है ?सन 1971 में इंदिरा गांधी के समय में भी एक मंदिर से अरबों रूपया का खजाना निकला था वह कहाँ हैं?जितना टेक्स सरकार को मिलता है उससे देश का विकास नही बल्कि वोट बैंक सुरक्षा में खर्च होता है /भारत स्वतंत्र हुआ उस समय अंग्रेजों ने 155 करोड़ रुपया नगद तिजोरी में छोड़ा और सारे कर्मचारयों का सितम्बर 1947 माह का वेतन तक की व्यवस्था भी छोड़ी थी ,भारत के ऊपर एक रूपया का भी कर्ज नही था और भारत का एक रूपया अमेरिका के एक डालर के बराबर था और आज रूपया कहाँ किस स्थिति में है बताने की जरुरत नही और यह जानकार आश्चर्य होगा कि भारत में पैदा होने वाला प्रत्येक बच्चा पैदा होते ही कई हजार रूपया का कर्जदार बन जाता है /बार बार टीवी न्यूज में यह खबर फैलायी जाती है कि अमुक मंदिर में इतना चढ़ावा आया और अमुक मंदिर में इतना धन है इसको बारीकी से समझना होगा कि यह क्यों फैलायी जा रही है क्योंकि भारत अब किसी भी सूरत में अपने ऊपर चढ़ा अरबों डालर विदेशी कर्ज उतार ही नही सकता इसलिए शीघ्र ही इन मंदिरों के खजाने को केंद्र और राज्य सरकार लूटेगी यही कारण है कि मोदी को रोकने का षड्यंत्र राष्ट्रीय एवं अंतराष्ट्रीय स्तर पर रचा जा रहा है जिसमे प्रमुख भूमिका निभाने वाले कोई और नही बल्कि सेक्युलर हिन्दू ही हैं
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