जो अपने बच्चे कि झूठी कसमें खाये (अरविन्द केजरीवाल) जो अपने बाप कि ना सुने (कुमार विश्वास) जो अपने भाई को लूट ले (शाजिया इल्मी) जो अपने देश का ना हो (प्रशांत भूषण) जो अपने पार्टी के लिए विदेश कंपनी के आगे मुंह बाए खडा रहे (मनीष सिसोसिया) जो अपने राज्य में नक्सलवाद को बढ़ावा दे के कानून तोड़े और अराजकता फैलाए (संजय सिंह) जो अपने समाज से हफ्ता वसूली करें (ऋषि चौधरी) जो अपने काम, व्यवसाय की दलाली कर ले (आशुतोष) इन सभी को अब आज कि दुनिया में 'आप' कहते है.
जो अपने बच्चे कि झूठी कसमें खाये
ReplyDelete(अरविन्द केजरीवाल)
जो अपने बाप कि ना सुने (कुमार
विश्वास)
जो अपने भाई को लूट ले
(शाजिया इल्मी)
जो अपने देश का ना हो (प्रशांत भूषण)
जो अपने पार्टी के लिए विदेश कंपनी के
आगे मुंह बाए खडा रहे (मनीष
सिसोसिया)
जो अपने राज्य में नक्सलवाद
को बढ़ावा दे के कानून तोड़े और
अराजकता फैलाए (संजय सिंह)
जो अपने समाज से हफ्ता वसूली करें
(ऋषि चौधरी)
जो अपने काम, व्यवसाय
की दलाली कर ले (आशुतोष)
इन सभी को अब आज कि दुनिया में
'आप' कहते है.