क्या आज का कांग्रेस आतकवादी संगठन है ? अगर मै इस बात का उत्तर हाँ में दू तो कोई आतशयोक्ति नहीं होगा , हाँ ,कांग्रेस एक आतंकवादी संगठन है, जो कई आतंकी गतिविधियो में संलिप्त रहा है , जिसका मै तार्किक उत्तर दूंगा। कांग्रेस के नेताओ को ना केवल आतंकवाद कि विभिन्न घटनाओ में सजा हुई बल्कि कई प्रकार के आतंकवाद के प्रणेता इनका शीर्ष नेतृत्व रहा है।
१९९३ के सूरत बम विष्फोट के अपराध में कांग्रेस के एक पूर्व मंत्री मोहम्मद सुरति सहित सात अन्य मुस्लिम कांग्रेसी नेता सजा भुगत रहे है , गोधरा का वीभत्स अग्नि काण्ड , जिसमे ५९ निरपराध राजभक्त हिन्दुओ को जिन्दा जलाया गया था , उसके षड्यंत्र में कांग्रेस के १५ से अधिक पदाधिकारी आर्पित है।
पंजाब का आतंकवाद , लट्टे का भारत में प्रशिक्षण व् सहयोग , पूर्वोत्तर का चर्च प्रेरित आतंकवाद तथा माओवाद का कांग्रेस के शीर्ष से सम्बन्ध किसी से छिपा नहीं है १९८४ में ३००० शिख्खो का नरसंहार स्वतंत्र भारत कि सबसे बड़ी विभत्स आतंकवादी घटना तो थी ही ,इसको प्रेरित व् क्रियान्वित करने में उस समय के शीर्ष नेतृत्व कि भूमिका संदिग्ध है।
इंद्राजी आपातकाल के अपराधो के कारण गिरफ्तार करने पर भोला और देवेन्द्र पण्डे द्वारा विमान अपहरण किया गया था , इस आतंकवादी कार्य को करने पर उन्हें कांग्रेस द्वारा विधयाक बनाकर पुरष्कृत करना आतंकवाद को प्रोत्साहन देने का सबसे बड़ा ज्वलंत उदहारण है।
कोयंबटूर बम ब्लास्ट के घोसित अपराधी मदनी को जैल से छुड़ाने के लिए सी पी ऍम के साथ मिलकर केरल विधानसभा में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पास कराया था।
ऐसे और भी पचासो घटनाएँ है जो कांग्रेस के चरित्र को स्पष्ट करती है।
ज्ञात हो आतंकवादी एवं देशद्रोही संगठन सिमी के साथ इनके निकट सम्बन्ध सर्वविदित है , जब राजग सरकार ने सिमी पर प्रतिबन्ध लगाया था ,तब संघ और सिमी कि तुलना करने वाले राहुल गांधी तो क्या श्रीमती सोनिया गांधी तक सिमी के समर्थन में संसद में लड़ रही थी , कांग्रेस कार्यकर्ता सड़को पर सिमी के समर्थन में हिंसक प्रदर्शन कर रहे थे , और न्यायलय में इनके प्रमुख नेता व् हमारे विदेश मंत्रीजी श्री सलमान खुर्शीदजी - फिर से गज़नी कि बांट जोह रहे सिमी के पक्ष में कानूनी लड़ाई लड़ रहे थे।
मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री श्री दिग्विजय सिंघजी अपनी खोई हुई जमीन को तलाश रहे कांग्रेसी नेता भगवा आतंकवाद के विषय में उत्साहित होकर मर्यादाविहीन हो रहे है , यह तथ्य सर्वविदित है कि इन्ही के मुख्यमंत्रित्व काल में सिमी निर्बाध रूप से फली - फूली थी , तथा माओवाद नक्सलियो के गतिविधियो का मधयप्रदेश में तेजी से विस्तार हुआ था , शायद इन्ही पुराने सम्बन्धो के कारण बटला हाउस व् आजमगढ़ इनके प्रिय विषय हो जाते है। वाराणसी बम विष्फोट के तार आजमगढ़ से जुड़े होने के बावजूद इन दुरंत आतंकियो को पकड़ने के लिए वहाँ जाने का साहस पुलिस जूता नहीं पाती है , और उधर मुलायम तथा गृह मंत्री शिंदे आतंकियो को छुड़ाने कि कोशिश कर तुष्टिकरण कि राजनीती को और फलीभूत कर रही है।
अंत में मै यही कहना चाहूंगा वास्ताव में ये तथाकथित सेक्युलर नेता इस देश के मुस्लिम समाज के मित्र नहीं अपितु उनके कट्टर दुश्मन है , यह राष्ट्रवादी मुस्लिम समाज को समझना चाहिए , अमेरिका कि झोली में बैठ कर पलने और मजा लेने वाली कांग्रेस सरकार के प्रति मुसलिमों में भी रोश है।
क्या आज का कांग्रेस आतकवादी संगठन है ?
ReplyDeleteअगर मै इस बात का उत्तर हाँ में दू तो कोई आतशयोक्ति नहीं होगा , हाँ ,कांग्रेस एक आतंकवादी संगठन है, जो कई आतंकी गतिविधियो में संलिप्त रहा है , जिसका मै तार्किक उत्तर दूंगा। कांग्रेस के नेताओ को ना केवल आतंकवाद कि विभिन्न घटनाओ में सजा हुई बल्कि कई प्रकार के आतंकवाद के प्रणेता इनका शीर्ष नेतृत्व रहा है।
१९९३ के सूरत बम विष्फोट के अपराध में कांग्रेस के एक पूर्व मंत्री मोहम्मद सुरति सहित सात अन्य मुस्लिम कांग्रेसी नेता सजा भुगत रहे है , गोधरा का वीभत्स अग्नि काण्ड , जिसमे ५९ निरपराध राजभक्त हिन्दुओ को जिन्दा जलाया गया था , उसके षड्यंत्र में कांग्रेस के १५ से अधिक पदाधिकारी आर्पित है।
पंजाब का आतंकवाद , लट्टे का भारत में प्रशिक्षण व् सहयोग , पूर्वोत्तर का चर्च प्रेरित आतंकवाद तथा माओवाद का कांग्रेस के शीर्ष से सम्बन्ध किसी से छिपा नहीं है १९८४ में ३००० शिख्खो का नरसंहार स्वतंत्र भारत कि सबसे बड़ी विभत्स आतंकवादी घटना तो थी ही ,इसको प्रेरित व् क्रियान्वित करने में उस समय के शीर्ष नेतृत्व कि भूमिका संदिग्ध है।
इंद्राजी आपातकाल के अपराधो के कारण गिरफ्तार करने पर भोला और देवेन्द्र पण्डे द्वारा विमान अपहरण किया गया था , इस आतंकवादी कार्य को करने पर उन्हें कांग्रेस द्वारा विधयाक बनाकर पुरष्कृत करना आतंकवाद को प्रोत्साहन देने का सबसे बड़ा ज्वलंत उदहारण है।
कोयंबटूर बम ब्लास्ट के घोसित अपराधी मदनी को जैल से छुड़ाने के लिए सी पी ऍम के साथ मिलकर केरल विधानसभा में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पास कराया था।
ऐसे और भी पचासो घटनाएँ है जो कांग्रेस के चरित्र को स्पष्ट करती है।
ज्ञात हो आतंकवादी एवं देशद्रोही संगठन सिमी के साथ इनके निकट सम्बन्ध सर्वविदित है , जब राजग सरकार ने सिमी पर प्रतिबन्ध लगाया था ,तब संघ और सिमी कि तुलना करने वाले राहुल गांधी तो क्या श्रीमती सोनिया गांधी तक सिमी के समर्थन में संसद में लड़ रही थी , कांग्रेस कार्यकर्ता सड़को पर सिमी के समर्थन में हिंसक प्रदर्शन कर रहे थे , और न्यायलय में इनके प्रमुख नेता व् हमारे विदेश मंत्रीजी श्री सलमान खुर्शीदजी - फिर से गज़नी कि बांट जोह रहे सिमी के पक्ष में कानूनी लड़ाई लड़ रहे थे।
मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री श्री दिग्विजय सिंघजी अपनी खोई हुई जमीन को तलाश रहे कांग्रेसी नेता भगवा आतंकवाद के विषय में उत्साहित होकर मर्यादाविहीन हो रहे है , यह तथ्य सर्वविदित है कि इन्ही के मुख्यमंत्रित्व काल में सिमी निर्बाध रूप से फली - फूली थी , तथा माओवाद नक्सलियो के गतिविधियो का मधयप्रदेश में तेजी से विस्तार हुआ था , शायद इन्ही पुराने सम्बन्धो के कारण बटला हाउस व् आजमगढ़ इनके प्रिय विषय हो जाते है। वाराणसी बम विष्फोट के तार आजमगढ़ से जुड़े होने के बावजूद इन दुरंत आतंकियो को पकड़ने के लिए वहाँ जाने का साहस पुलिस जूता नहीं पाती है , और उधर मुलायम तथा गृह मंत्री शिंदे आतंकियो को छुड़ाने कि कोशिश कर तुष्टिकरण कि राजनीती को और फलीभूत कर रही है।
अंत में मै यही कहना चाहूंगा वास्ताव में ये तथाकथित सेक्युलर नेता इस देश के मुस्लिम समाज के मित्र नहीं अपितु उनके कट्टर दुश्मन है , यह राष्ट्रवादी मुस्लिम समाज को समझना चाहिए , अमेरिका कि झोली में बैठ कर पलने और मजा लेने वाली कांग्रेस सरकार के प्रति मुसलिमों में भी रोश है।