अपने गृह राज्य गुजरात के अहमदाबाद में रैली को संबोधित करते हुए बीजेपी के पीएम पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। मोदी ने कहा कि देश में युवाओं की बदतर स्थिति के लिए कांग्रेस जिम्मेदार है। मोदी ने रैली में एक कविता भी पढ़ी जिसमें उन्होंने कहा कि वह देश को नहीं लूटने देंगे। चाहे उन्हें इसके लिए कितना ही संघर्ष क्यों न करना पड़े।
मोदी की कविता
सौगंध मुझे इस मिट्टी की, मैं देश नहीं मिटने दूंगा , मैं देश नहीं मिटने दूंगा, मैं देश नहीं झुकने दूंगा। मेरी धरती मुझसे पूछ रही कब मेरा कर्ज चुकाओगे ? मेरा अंबर पूछ रहा कब अपना फर्ज निभाओगे ?
मेरा वचन है भारत मां को तेरा शीश नहीं झुकने दूंगा , सौगंध मुझे इस मिट्टी की मैं देश नहीं मिटने दूंगा। वे लूट रहे हैं सपनों को मैं चैन से कैसे सो जाऊं , वे बेच रहे हैं भारत को खामोश मैं कैसे हो जाऊं।
हां मैंने कसम उठाई है मैं देश नहीं बिकने नहीं दूंगा, सौगंध मुझे इस मिट्टी की मैं देश नहीं मिटने दूंगा।
वो जितने अंधेरे लाएंगे मैं उतने उजाले लाऊंगा , वो जितनी रात बढ़ाएंगे मैं उतने सूरज उगाऊंगा। इस छल-फरेब की आंधी में मैं दीप नहीं बुझने दूंगा , सौगंध मुझे इस मिट्टी की मैं देश नहीं मिटने दूंगा।
वे चाहते हैं जागे न कोई बस रात का कारोबार चले , वे नशा बांटते जाएं और देश यूं ही बीमार चले। पर जाग रहा है देश मेरा हर भारतवासी जीतेगा , सौगंध मुझे इस मिट्टी की मैं देश नहीं मिटने दूंगा।
मांओं बहनों की अस्मत पर, गिद्ध नजर लगाए बैठे हैं , मैं अपने देश की धरती पर अब दर्दी नहीं उगने दूंगा , मैं देश नहीं रुकने दूंगा , सौगंध मुझे इस मिट्टी की मैं देश नहीं मिटने दूंगा।
अब घड़ी फैसले की आई, हमने है कसम अब खाई , हमें फिर से दोहराना है और खुद को याद दिलाना है। न भटकेंगे न अटकेंगे, कुछ भी हो इस बार हम देश नहीं मिटने देंगे , सौगंध मुझे इस मिट्टी की, मैं देश नहीं मिटने दूंगा।
युवाओं पर रहा जोर
रैली के दौरान मोदी का जोर युवा वोटरों पर रहा, उन्होंने कहा, 'दिशा को बदलो, किनारे अपने आप बदल जाते है। मैं सच बोलता हूं तो दिल्ली सरकार के मंत्री नाराज हो जाते हैं, उन्हें बुरा लग जाता है। केंद्र ने 10 लाख नौजवानों को स्किल डिवेलपमेंट की ट्रेनिंग देने की बात कही थी, इसके लिए 1000 करोड़ रुपये का बजट लगाया, लेकिन ट्रेनिंग हुई सिर्फ 18352 लोगों की।' मोदी ने कहा कि केंद्र की सरकार कभी चाय तो कभी दूसरे बहाने से उन्हें निशाना बना रही है।
अपने गृह राज्य गुजरात के अहमदाबाद में रैली को संबोधित करते हुए बीजेपी के पीएम पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। मोदी ने कहा कि देश में युवाओं की बदतर स्थिति के लिए कांग्रेस जिम्मेदार है। मोदी ने रैली में एक कविता भी पढ़ी जिसमें उन्होंने कहा कि वह देश को नहीं लूटने देंगे। चाहे उन्हें इसके लिए कितना ही संघर्ष क्यों न करना पड़े।
ReplyDeleteमोदी की कविता
सौगंध मुझे इस मिट्टी की, मैं देश नहीं मिटने दूंगा ,
मैं देश नहीं मिटने दूंगा, मैं देश नहीं झुकने दूंगा।
मेरी धरती मुझसे पूछ रही कब मेरा कर्ज चुकाओगे ?
मेरा अंबर पूछ रहा कब अपना फर्ज निभाओगे ?
मेरा वचन है भारत मां को तेरा शीश नहीं झुकने दूंगा ,
सौगंध मुझे इस मिट्टी की मैं देश नहीं मिटने दूंगा।
वे लूट रहे हैं सपनों को मैं चैन से कैसे सो जाऊं ,
वे बेच रहे हैं भारत को खामोश मैं कैसे हो जाऊं।
हां मैंने कसम उठाई है
मैं देश नहीं बिकने नहीं दूंगा,
सौगंध मुझे इस मिट्टी की मैं देश नहीं मिटने दूंगा।
वो जितने अंधेरे लाएंगे मैं उतने उजाले लाऊंगा ,
वो जितनी रात बढ़ाएंगे मैं उतने सूरज उगाऊंगा।
इस छल-फरेब की आंधी में मैं दीप नहीं बुझने दूंगा ,
सौगंध मुझे इस मिट्टी की मैं देश नहीं मिटने दूंगा।
वे चाहते हैं जागे न कोई बस रात का कारोबार चले ,
वे नशा बांटते जाएं और देश यूं ही बीमार चले।
पर जाग रहा है देश मेरा हर भारतवासी जीतेगा ,
सौगंध मुझे इस मिट्टी की मैं देश नहीं मिटने दूंगा।
मांओं बहनों की अस्मत पर, गिद्ध नजर लगाए बैठे हैं ,
मैं अपने देश की धरती पर अब दर्दी नहीं उगने दूंगा ,
मैं देश नहीं रुकने दूंगा , सौगंध मुझे इस मिट्टी की
मैं देश नहीं मिटने दूंगा।
अब घड़ी फैसले की आई, हमने है कसम अब खाई ,
हमें फिर से दोहराना है और खुद को याद दिलाना है।
न भटकेंगे न अटकेंगे, कुछ भी हो इस बार
हम देश नहीं मिटने देंगे ,
सौगंध मुझे इस मिट्टी की, मैं देश नहीं मिटने दूंगा।
युवाओं पर रहा जोर
रैली के दौरान मोदी का जोर युवा वोटरों पर रहा, उन्होंने कहा, 'दिशा को बदलो, किनारे अपने आप बदल जाते है। मैं सच बोलता हूं तो दिल्ली सरकार के मंत्री नाराज हो जाते हैं, उन्हें बुरा लग जाता है।
केंद्र ने 10 लाख नौजवानों को स्किल डिवेलपमेंट की ट्रेनिंग देने की बात कही थी, इसके लिए 1000 करोड़ रुपये का बजट लगाया, लेकिन ट्रेनिंग हुई सिर्फ 18352 लोगों की।' मोदी ने कहा कि केंद्र की सरकार कभी चाय तो कभी दूसरे बहाने से उन्हें निशाना बना रही है।