एक लाख शिक्षकों को मिलेगा नियुक्ति पत्र पटना (एसएनबी)। शिक्षकों के नियोजन कैम्प में करीब एक लाख प्रारंभिक शिक्षकों को नियुक्ति पत्र मिलेगा। साल भर से चल रही शिक्षक नियोजन प्रक्रिया को पूरी करने के लिए शिक्षा विभाग ने फरवरी में कैम्प लगाने का मन बनाया है। राज्य में प्रारंभिक शिक्षकों के करीब एक लाख तिरपन हजार पदों पर शिक्षकों को बहाल किया जाना है जिनमें अब तक पैंतीस हजार तीन सौ संतावन पदों पर ही बहाली हो पायी है। सबसे खराब हालत खगड़िया, सीवान, सुपौल, सारण, पूर्णिया और बक्सर जिले की रही है। इतना ही नहीं पंचायतों की स्थिति शिक्षक नियोजन में तो और असंतोषजनक है। शिवहर, नवादा, शेखपुरा, किशनगंज, खगड़िया, बरबीघा और अरवल जिले में पंचायत शिक्षकों का नियोजन कम हुआ है। पंचायत स्तर पर मुखिया को नियोजन की जिम्मेवारी दी गयी है। इसको लेकर कई तरह की शिकायतें भी शिक्षा विभाग को मिलती रही है। अब तक बंटे नियुक्ति पत्र की बात करें तो अररिया में 671, अरवल में 594, औरंगाबाद में 1234, बांका 1228, बेगूसराय में 978, भागलपुर में 869,भोजपुर में 1248,बक्सर में 605, बरबीघा में 1090, पूर्वी चंपारण में 1101, गया में 1216, गोपालगंज में 1014,जमुई में 1855, जहानाबाद में 1282, कैमूर में 612, कटिहार में 759, खगड़िया में 492, किशनगंज में 311,लखीसराय में 890, मधेपुरा में 1154, मधुबनी में 662, मुंगेर में 1658, मुजफ्फरपुर में 1520, नालंदा में 502, नवादा में 1469 ,पटना में 849, पूर्णिया में 1088, रोहतास में 749, सहरसा में 1385, समस्तीपुर में 670, सारण में 442, शेखपुरा में 245, शिवहर में 835, सीतामढ़ी में 560, सुपौल में 676, वैशाली में 816 और पश्चिम चंपारण में 1152 शिक्षकों ने योगदान किया है। जिले में बैठे अधिकारी असहाय महसूस कर रहे हैं। कई बार नियोजन को लेकर कैलेंडर भी निकल चुका है। नियोजन नियमावली के अनुसार तीन बार नियोजन हो जाने के बाद नियोजन का कोई प्रावधान नहीं है। इस कारण सरकार ने नियमावली में संशोधन का मन बनाया है जिसकी स्वीकृति हेतु कैबिनेट भेजा गया है।
आज नरेंद्र मोदी ने कहा ऊँची जाति में पैदा होने वालो को यह बर्दास्त नहीं होता कि एक पिछड़ी जाति का प्रधान मंत्री बनने जा रहा है
अब इन महोदय को कोन समझाए अगड़ा और पिछड़ा बाँटने वाले तुम जैसे देश के नेता ही हैं जो अगड़ी जातियो कि छाती पर आरक्षण नाम कि मूंग दल रहे हैं बच्चे का एडमिशन हो तो जाति पूछते हैं इंजीनियरिंग या मेडिकल करना हो तो जाति प्रमाण पत्र मांगते हैं, नौकरी देनी हो तो अभ्यर्थी के योग्यता प्रमाण पत्र को कूड़ेदान में फैंक कर उसके जाति प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी देते हैं, पदोन्नति देनी हो तो किसी कि योग्यता के साथ वरिष्ठता को भी दरकिनार कर सिर्फ जाति ही देखी जाती है ! परन्तु फिर भी अगड़ो का बहुमत आप जैसे आरक्षण कि खैरात बाँटने वालो के साथ है यह जानते हुए भी कि आप जैसे नेता 65 वर्षो से अगड़ो के बच्चो के भविष्य को इसी दुर्भावना से बर्बाद कर रहे हैं क्योंकि आप जैसे नेता पिछड़े के तमगे से इतने कुंठित हो कि अगड़ो का सर्वनाश करने पर तुले हो काश यह बात अगड़ो को समझ में आ जाये तो शायद अपने बच्चो और आने वाली पीढ़ियों का भविष्य बर्बाद होने से बचा सकें !
एक लाख शिक्षकों को मिलेगा नियुक्ति पत्र
ReplyDeleteपटना (एसएनबी)।
शिक्षकों के नियोजन कैम्प में
करीब एक लाख प्रारंभिक
शिक्षकों को नियुक्ति पत्र
मिलेगा। साल भर से चल
रही शिक्षक नियोजन
प्रक्रिया को पूरी करने के लिए शिक्षा विभाग ने
फरवरी में कैम्प लगाने का मन बनाया है। राज्य में
प्रारंभिक शिक्षकों के करीब एक लाख तिरपन हजार
पदों पर शिक्षकों को बहाल किया जाना है जिनमें अब
तक पैंतीस हजार तीन सौ संतावन पदों पर
ही बहाली हो पायी है। सबसे खराब हालत खगड़िया,
सीवान, सुपौल, सारण, पूर्णिया और बक्सर जिले
की रही है।
इतना ही नहीं पंचायतों की स्थिति शिक्षक नियोजन
में तो और असंतोषजनक है। शिवहर, नवादा, शेखपुरा,
किशनगंज, खगड़िया, बरबीघा और अरवल जिले में
पंचायत शिक्षकों का नियोजन कम हुआ है। पंचायत
स्तर पर मुखिया को नियोजन
की जिम्मेवारी दी गयी है। इसको लेकर कई तरह
की शिकायतें भी शिक्षा विभाग को मिलती रही है।
अब तक बंटे नियुक्ति पत्र की बात करें
तो अररिया में 671, अरवल में 594, औरंगाबाद में
1234, बांका 1228, बेगूसराय में 978, भागलपुर
में 869,भोजपुर में 1248,बक्सर में 605,
बरबीघा में 1090, पूर्वी चंपारण में 1101, गया में
1216, गोपालगंज में 1014,जमुई में 1855,
जहानाबाद में 1282, कैमूर में 612, कटिहार में
759, खगड़िया में 492, किशनगंज में
311,लखीसराय में 890, मधेपुरा में 1154,
मधुबनी में 662, मुंगेर में 1658, मुजफ्फरपुर में
1520, नालंदा में 502, नवादा में 1469 ,पटना में
849, पूर्णिया में 1088, रोहतास में 749,
सहरसा में 1385, समस्तीपुर में 670, सारण में
442, शेखपुरा में 245, शिवहर में 835,
सीतामढ़ी में 560, सुपौल में 676, वैशाली में 816
और पश्चिम चंपारण में 1152 शिक्षकों ने योगदान
किया है। जिले में बैठे अधिकारी असहाय महसूस कर
रहे हैं। कई बार नियोजन को लेकर कैलेंडर भी निकल
चुका है। नियोजन नियमावली के अनुसार तीन बार
नियोजन हो जाने के बाद नियोजन का कोई प्रावधान
नहीं है। इस कारण सरकार ने नियमावली में संशोधन
का मन बनाया है जिसकी स्वीकृति हेतु कैबिनेट
भेजा गया है।
आज नरेंद्र मोदी ने कहा ऊँची जाति में पैदा होने
ReplyDeleteवालो को यह बर्दास्त नहीं होता कि एक
पिछड़ी जाति का प्रधान मंत्री बनने जा रहा है
अब इन महोदय को कोन समझाए अगड़ा और
पिछड़ा बाँटने वाले तुम जैसे देश के नेता ही हैं
जो अगड़ी जातियो कि छाती पर आरक्षण नाम
कि मूंग दल रहे हैं बच्चे का एडमिशन
हो तो जाति पूछते हैं इंजीनियरिंग या मेडिकल
करना हो तो जाति प्रमाण पत्र मांगते हैं,
नौकरी देनी हो तो अभ्यर्थी के योग्यता प्रमाण
पत्र को कूड़ेदान में फैंक कर उसके जाति प्रमाण
पत्र के आधार पर नौकरी देते हैं,
पदोन्नति देनी हो तो किसी कि योग्यता के साथ
वरिष्ठता को भी दरकिनार कर सिर्फ
जाति ही देखी जाती है !
परन्तु फिर भी अगड़ो का बहुमत आप जैसे
आरक्षण कि खैरात बाँटने वालो के साथ है यह
जानते हुए भी कि आप जैसे नेता 65 वर्षो से
अगड़ो के बच्चो के भविष्य को इसी दुर्भावना से
बर्बाद कर रहे हैं क्योंकि आप जैसे नेता पिछड़े के
तमगे से इतने कुंठित हो कि अगड़ो का सर्वनाश
करने पर तुले हो काश यह बात अगड़ो को समझ में
आ जाये तो शायद अपने बच्चो और आने
वाली पीढ़ियों का भविष्य बर्बाद होने से बचा सकें !
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Deletebaanto aur raj karo ki purani reeti hai nai nahi...
Deleteye kis news paper ka news hai ki 27 january se joining letter batega...
ReplyDeleteYe kis newspaper me diya gaya hai.kis date me. Ki 27 januray se kamp lagakar niyukti patra bata jayega.
ReplyDeletehttp://epaper.prabhatkhabar.com/215878/PATNA-City/CITY#page/13/1
DeleteBihar sarkaar ki neeti 9 din chale 2.5(adhaai) kos...
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