🌎ईतिहास भुलने वाले का --भविष्य जब यूनानी आक्रमणकारी सेल्यूकस चन्द्रगुप्त मौर्य से हार गया और उसकी सेना बंदी बना ली गयी तब उसने अपनी खूबसूरत बेटी हेलेना के विवाह का प्रस्ताव चन्द्रगुप्त के पास भेजा .. सेल्यूकस की सबसे छोटी बेटी थी हेलेन बेहद खुबसूरत , उसका विवाह आचार्य चाणक्य ने प्रस्ताव मिलने पर सम्राट चन्द्रगुप्त से कराया. पर उन्होंने विवाह से पहले हेलेन और चन्द्रगुप्त से कुछ शर्ते रखी जिस पर उन दोनों का विवाह हुआ. पहली शर्त यह थी की उन दोनों से उत्पन्न संतान उनके राज्य का उत्तराधिकारी नहीं होगा और कारण बताया की हेलेन एक विदेशी महिला है , भारत के पूर्वजो से उसका कोई नाता नहीं है. भारतीय संस्कृति से हेलेन पूर्णतः अनभिग्य है और दूसरा कारण बताया की हेलेन विदेशी शत्रुओ की बेटी है. उसकी निष्ठा कभी भारत के साथ नहीं हो सकती. तीसरा कारण बताया की हेलेन का बेटा विदेशी माँ का पुत्र होने के नाते उसके प्रभाव से कभी मुक्त नहीं हो पायेगा और भारतीय माटी, भारतीय लोगो के प्रति पूर्ण निष्ठावान नहीं हो पायेगा. एक और शर्त चाणक्य ने हेलेन के सामने रखी की वह कभी भी चन्द्रगुप्त के राज्य कार्य में हस्तक्चेप नहीं करेगी और राजनीति और प्रशासनिक अधिकार से पूर्णतया विरत रहेगी. परन्तु गृहस्थ जीवन में हेलेन का पूर्ण अधिकार होगा. सोचिये मित्रो ... भारत ही नही विश्व भर में चाणक्य जैसा कुटनीतिक और नीतिकार राजनितिक आज तक दूसरा कोई नही पैदा हुआ ..फिर भी आज भारत उनकी सबक को भूल गया और देश पर शासन कौन कर रहा है… सब आपके सामने है
🌎ईतिहास भुलने वाले का --भविष्य
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चन्द्रगुप्त मौर्य से हार गया और
उसकी सेना बंदी बना ली गयी तब
उसने अपनी खूबसूरत बेटी हेलेना के विवाह
का प्रस्ताव चन्द्रगुप्त के पास भेजा ..
सेल्यूकस की सबसे
छोटी बेटी थी हेलेन बेहद
खुबसूरत , उसका विवाह आचार्य चाणक्य ने प्रस्ताव मिलने पर
सम्राट चन्द्रगुप्त से कराया. पर उन्होंने विवाह से पहले हेलेन
और चन्द्रगुप्त से कुछ शर्ते रखी जिस पर उन
दोनों का विवाह हुआ.
पहली शर्त यह थी की उन
दोनों से उत्पन्न संतान उनके राज्य
का उत्तराधिकारी नहीं होगा और कारण
बताया की हेलेन एक विदेशी महिला है ,
भारत के पूर्वजो से उसका कोई नाता नहीं है.
भारतीय संस्कृति से हेलेन पूर्णतः अनभिग्य है और
दूसरा कारण बताया की हेलेन विदेशी शत्रुओ
की बेटी है.
उसकी निष्ठा कभी भारत के साथ
नहीं हो सकती. तीसरा कारण
बताया की हेलेन का बेटा विदेशी माँ का पुत्र
होने के नाते उसके प्रभाव से कभी मुक्त
नहीं हो पायेगा और भारतीय
माटी, भारतीय लोगो के प्रति पूर्ण निष्ठावान
नहीं हो पायेगा.
एक और शर्त चाणक्य ने हेलेन के सामने
रखी की वह
कभी भी चन्द्रगुप्त के राज्य कार्य में
हस्तक्चेप नहीं करेगी और
राजनीति और प्रशासनिक अधिकार से पूर्णतया विरत
रहेगी. परन्तु गृहस्थ जीवन में हेलेन
का पूर्ण अधिकार होगा.
सोचिये मित्रो ... भारत ही नही विश्व भर में
चाणक्य जैसा कुटनीतिक और नीतिकार
राजनितिक आज तक दूसरा कोई नही पैदा हुआ ..फिर
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देश पर शासन कौन कर रहा है… सब आपके सामने है
Very nice
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