केजरीवाल सरकार के 30 दिन:कौन-कौन से फैसलों से ‘मुकरी सरकार’
केजरीवाल सरकार ने पलटे कौन-कौन से फैसले
पहले दिन लिया फैसला ही पलटा== मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल व उनके मंत्रियों ने दिल्ली मेट्रो से शपथ-ग्रहण समारोह में रामलीला मैदान जाने के लिए सार्वजनिक वाहनों का इस्तेमाल किया था। उन्होंने कहा था कि वह सार्वजनिक परिवहन साधनों का प्रयोग करेंगे, लेकिन तीन दिन बाद ही मंत्रियों ने सरकारी गाड़ियां ले लीं। उनसे पूछा गया तो उनका कहना था कि लालबत्ती लेने के लिए मना किया था सरकारी गाड़ी के लिए नहीं।
मीडिया पर लगाया बैन और सुरक्षा लेने से किया था इनकार== सरकार बनने के अगले ही दिन सचिवालय में मीडिया के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया। मीडिया जगत में आलोचना होने लगी तो चार घंटे में ही सरकार ने यह निर्णय वापस ले लिया। शपथ के दिन ही मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बोला था कि वह सुरक्षा नहीं लेंगे, लेकिन पहले अप्रत्यक्ष रूप से सुरक्षा ली और अब प्रत्यक्ष रूप से उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से उपलब्ध सुरक्षा ले ली।
जनता दरबार लगाने की घोषणा की और बाद में फैसला पलटा== इतना ही नहीं मुख्यमंत्री केजरीवाल ने दिल्लीवालों की समस्याओं को सुनने के जनता दरबार लगाने की घोषणा की थी, लेकिन पहले जनता दरबार के दौरान मची अफरातफरी के बाद केजरीवाल ने जनता दरबार लगाने के फैसले को भी पलट दिया। आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि अब वे दिल्ली में जनता दरबार नहीं लगाएंगे। साथ ही उन्होंने दिल्लीवासियों से अपील की कि वे उनके पास शिकायत लेकर न आएं। उन्होंने कहा कि हेल्पलाइन और कॉल सेंटर बनाए जाएंगे, जिनके जरिए लोगों की समस्याएं सुनी जाएंगी।
दो मंत्रियों के निर्णयों को लिया वापस== जजों की बैठक बुलाने तथा महिला एवं बाल विकास मंत्री राखी बिरला द्वारा कार पर हमले की रिपोर्ट दर्ज कराने संबंधी निर्णय जहां सरकार को वापस लेने पड़े हैं।
अन्य फैसले जो वापस लेने पड़े==
- सदन में टोपी पहन कर जाने का निर्णय भी सरकार के मंत्रियों व विधायकों ने बदल दिया। - सत्ता में आने से पहले अरविंद केजरीवाल ने जंतर-मंतर पर पानी के एक मीटर को फूंक कर दिखाया था कि इस मीटर में हवा पास होने पर भी मीटर चलता है। अब वही मीटर जलबोर्ड द्वारा लगाए जा रहे हैं। - 700 लीटर पानी नि:शुल्क देने का ऐलान किया था, लेकिन इसी के साथ 10 प्रतिशत पानी की दरें बढ़ा दीं गईं। - पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने जब बिजली पर सब्सिडी दी थी, तो केजरीवाल ने कहा था कि शीला दीक्षित ने सरकार को बिजली कंपनियों के हाथ गिरवी रख दिया है। ‘आप’ सत्ता में आई तो बिजली के दाम आधे कर देगी, लेकिन सत्ता में आते ही केजरीवाल ने भी शीला दीक्षित की तर्ज पर बिजली बिलों में सब्सिडी दे दी। - केजरीवाल ने भ्रष्टाचार को समाप्त करने के लिए हेल्पलाइन सेवा शुरू की। इस हेल्पलाइन नंबर पर कई लोगों के स्टिंग मिले लेकिन कार्रवाई बहुत कम स्टिंग पर हुई। सरकार द्वारा कहा गया कि स्टिंग अच्छे नहीं थे इसलिए छापेमारी नहीं की गई। - केजरीवाल ने दिल्ली सरकार के चार पुलिसकर्मियों को हटाने की मांग को लेकर रेल भवन के पास धरना शुरू किया था। उन्होंने कहा था कि यह धरना दस दिनों तक चलेगा लेकिन दो दिन बाद ही धरना समाप्त कर दिया गया। वहीं, पुलिसकर्मियों को हटाया नहीं गया बल्कि छुट्टी पर भेजा गया। - केजरीवाल ने कहा था कि वह सत्ता में आए तो सरकारी मकान नहीं लेंगे लेकिन मनीष सिसोदिया सरकारी आवास ले चुके हैं और अरविंद केजरीवाल जल्द ही अपने नए आवास में शिफ्ट होंगे। - ‘आप’ ने वादा किया था कि वह 15 दिनों में लोकपाल बिल पास करेंगे लेकिन सत्ता में आए उन्हें एक महीने से ऊपर हो गया और वह अभी तक लोकपाल बिल का ड्राफ्ट पेश नहीं कर सके। - केजरीवाल ने कहा था कि लोकपाल बिल रामलीला मैदान में विशेष सत्र बुलाकर पास कराया जाएगा लेकिन दिल्ली पुलिस ने केजरीवाल को रामलीला मैदान में विशेष सत्र के लिए सुरक्षा देने से इनकार कर दिया है। - केजरीवाल ने सभी अस्थाई कर्मचारियों को स्थाई करने की बात भी कही थी लेकिन अभी तक इस मसले पर कोई फैसला नहीं लिया गया है। केजरीवाल मंत्रीमंडल ने कुछ दिनों पहले एक समिति का गठन किया है।
http://narendramodibjppm.blogspot.in/2014/01/30_30.html केजरीवाल सरकार के 30 दिन:कौन-कौन से फैसलों से ‘मुकरी सरकार’
केजरीवाल सरकार के 30 दिन:कौन-कौन से फैसलों से ‘मुकरी सरकार’
ReplyDeleteकेजरीवाल सरकार ने पलटे कौन-कौन से फैसले
पहले दिन लिया फैसला ही पलटा==
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल व उनके मंत्रियों ने दिल्ली मेट्रो से शपथ-ग्रहण समारोह में रामलीला मैदान जाने के लिए सार्वजनिक वाहनों का इस्तेमाल किया था। उन्होंने कहा था कि वह सार्वजनिक परिवहन साधनों का प्रयोग करेंगे, लेकिन तीन दिन बाद ही मंत्रियों ने सरकारी गाड़ियां ले लीं। उनसे पूछा गया तो उनका कहना था कि लालबत्ती लेने के लिए मना किया था सरकारी गाड़ी के लिए नहीं।
मीडिया पर लगाया बैन और सुरक्षा लेने से किया था इनकार==
सरकार बनने के अगले ही दिन सचिवालय में मीडिया के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया। मीडिया जगत में आलोचना होने लगी तो चार घंटे में ही सरकार ने यह निर्णय वापस ले लिया। शपथ के दिन ही मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बोला था कि वह सुरक्षा नहीं लेंगे, लेकिन पहले अप्रत्यक्ष रूप से सुरक्षा ली और अब प्रत्यक्ष रूप से उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से उपलब्ध सुरक्षा ले ली।
जनता दरबार लगाने की घोषणा की और बाद में फैसला पलटा==
इतना ही नहीं मुख्यमंत्री केजरीवाल ने दिल्लीवालों की समस्याओं को सुनने के जनता दरबार लगाने की घोषणा की थी, लेकिन पहले जनता दरबार के दौरान मची अफरातफरी के बाद केजरीवाल ने जनता दरबार लगाने के फैसले को भी पलट दिया। आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि अब वे दिल्ली में जनता दरबार नहीं लगाएंगे। साथ ही उन्होंने दिल्लीवासियों से अपील की कि वे उनके पास शिकायत लेकर न आएं। उन्होंने कहा कि हेल्पलाइन और कॉल सेंटर बनाए जाएंगे, जिनके जरिए लोगों की समस्याएं सुनी जाएंगी।
दो मंत्रियों के निर्णयों को लिया वापस==
जजों की बैठक बुलाने तथा महिला एवं बाल विकास मंत्री राखी बिरला द्वारा कार पर हमले की रिपोर्ट दर्ज कराने संबंधी निर्णय जहां सरकार को वापस लेने पड़े हैं।
अन्य फैसले जो वापस लेने पड़े==
- सदन में टोपी पहन कर जाने का निर्णय भी सरकार के मंत्रियों व विधायकों ने बदल दिया।
- सत्ता में आने से पहले अरविंद केजरीवाल ने जंतर-मंतर पर पानी के एक मीटर को फूंक कर दिखाया था कि इस मीटर में हवा पास होने पर भी मीटर चलता है। अब वही मीटर जलबोर्ड द्वारा लगाए जा रहे हैं।
- 700 लीटर पानी नि:शुल्क देने का ऐलान किया था, लेकिन इसी के साथ 10 प्रतिशत पानी की दरें बढ़ा दीं गईं।
- पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने जब बिजली पर सब्सिडी दी थी, तो केजरीवाल ने कहा था कि शीला दीक्षित ने सरकार को बिजली कंपनियों के हाथ गिरवी रख दिया है। ‘आप’ सत्ता में आई तो बिजली के दाम आधे कर देगी, लेकिन सत्ता में आते ही केजरीवाल ने भी शीला दीक्षित की तर्ज पर बिजली बिलों में सब्सिडी दे दी।
- केजरीवाल ने भ्रष्टाचार को समाप्त करने के लिए हेल्पलाइन सेवा शुरू की। इस हेल्पलाइन नंबर पर कई लोगों के स्टिंग मिले लेकिन कार्रवाई बहुत कम स्टिंग पर हुई। सरकार द्वारा कहा गया कि स्टिंग अच्छे नहीं थे इसलिए छापेमारी नहीं की गई।
- केजरीवाल ने दिल्ली सरकार के चार पुलिसकर्मियों को हटाने की मांग को लेकर रेल भवन के पास धरना शुरू किया था। उन्होंने कहा था कि यह धरना दस दिनों तक चलेगा लेकिन दो दिन बाद ही धरना समाप्त कर दिया गया। वहीं, पुलिसकर्मियों को हटाया नहीं गया बल्कि छुट्टी पर भेजा गया।
- केजरीवाल ने कहा था कि वह सत्ता में आए तो सरकारी मकान नहीं लेंगे लेकिन मनीष सिसोदिया सरकारी आवास ले चुके हैं और अरविंद केजरीवाल जल्द ही अपने नए आवास में शिफ्ट होंगे।
- ‘आप’ ने वादा किया था कि वह 15 दिनों में लोकपाल बिल पास करेंगे लेकिन सत्ता में आए उन्हें एक महीने से ऊपर हो गया और वह अभी तक लोकपाल बिल का ड्राफ्ट पेश नहीं कर सके।
- केजरीवाल ने कहा था कि लोकपाल बिल रामलीला मैदान में विशेष सत्र बुलाकर पास कराया जाएगा लेकिन दिल्ली पुलिस ने केजरीवाल को रामलीला मैदान में विशेष सत्र के लिए सुरक्षा देने से इनकार कर दिया है।
- केजरीवाल ने सभी अस्थाई कर्मचारियों को स्थाई करने की बात भी कही थी लेकिन अभी तक इस मसले पर कोई फैसला नहीं लिया गया है। केजरीवाल मंत्रीमंडल ने कुछ दिनों पहले एक समिति का गठन किया है।
http://narendramodibjppm.blogspot.in/2014/01/30_30.html केजरीवाल सरकार के 30 दिन:कौन-कौन से फैसलों से ‘मुकरी सरकार’
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ReplyDeleteिमत्रो अरिवन्द की टीम
सत्ता में आने के बाद
िकसी भी आम लोगो से
बात नहीं कर रही ....
टीम क्या अरविन्द खुद
िकसी से बात नहीं करते है ...
देश के जाने- माने
अभिनेता
श्री मनोज कुमार जी के
फ़ोन
करने पर भी
अरविन्द ने बात नहीं किया ....
तो भी आम लोगो की
क्या िबसात की वो
अरविन्द से बात कर ले ......
इसलिए मैं अरविन्द और उनके सभी मुख्य लोगो
का सेलनंबर
आप सभी को शेयर कर
रहा हु ....
अरविन्द हर बात जनता
से पूछ कर करते है ....
पूछिए उनसे ये नंबर तो
बहोत से आप पार्टी के
नेताओ के पास भी नहीं होगा ....
आप भी ले ले ये नंबर ......
1. Arvind Kejriwal :
09868069953 ....
2. Sanjay Singh :
09044272073 .....
09415026845 ...
3.Manish Sisodiya :
09868875898 ....
4. Mayank Gandhi :
09920788909 .....
5. Prashant Bhusan :
09811164068 ......
6. Kumar Vishwash :
+91-120-4160488,
9868783200,
9868220488 .....
Dakhil Kharij Bihar
ReplyDeleteTenali Rama very intresting cartoons in india
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