सूचना & कट-ऑफ
Link: http://patna.bih.nic.in/teachers/NagarPanchayat_Kushrupur/Camp_List/cut_off_list.pdf
रिक्त पद के 10 गुणा चयनित अभ्यथियों की मेधा सूची वर्ग - I से V
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रिक्त पद के 10 गुणा चयनित अभ्यथियों की मेधा सूची वर्ग - वर्ग - VI से VIII
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रिक्त पद के 10 गुणा चयनित अभ्यथियों की मेधा सूची वर्ग - माध्यमिक
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रिक्त पद के 10 गुणा चयनित अभ्यथियों की मेधा सूची वर्ग - उच्चतर माध्यमिक
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आम आदमी पार्टी (आप) सरकार की कार्यशैली से नाराज एनआरआई ने पार्टी से दूरी बनाना शुरू कर दिया है। न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका में रह रहे काफी संख्या में एनआरआई ने न केवल पार्टी को फंड देना बंद कर दिया है, बल्कि उन्होंने ‘आप’ को वोट देने के लिए माफी भी मांगी है। इसके लिए एनआरआई ने एक फेसबुक पेज (I am Sorry I voted for AAP) बनाया है। इस फेसबुक पेज से करीब 100 सदस्य जुड़े हैं। इनमें से काफी ऐसे लोग हैं, जिन्होंने ‘आप’ को लाखों रुपए चंदे के रूप में दिए हैं। कई ऐसे एनआरआई, जिन्होंने ‘आप’ को चंदा दिया था और वे ‘आप’ के फेसबुक पेज से जुड़े थे, उन्होंने खुद को अनफ्रेंड कर दिया है।
ReplyDeleteकम हुआ पार्टी का फंड
जब सोमनाथ भारती ने खिड़की एक्सटेंशन में सेक्स रैकेट का छापा मारा था, तब से एनआरआई ‘आप’ सरकार की कार्यशैली से नाराज हो गए हैं और इस दौरान पार्टी के विदेशी फंड में भी काफी गिरावट आई है। 15 जनवरी से पहले पार्टी को एनआरआई की ओर से फंड के रूप में करीब 10 लाख रुपए रोजाना मिल रहे थे। लेकिन 15 जनवरी के बाद से पार्टी को मिलने वाला विदेशी फंड लाखों से घटकर हजारों में सिमट गया है।
चुनाव जीतने के बाद आई थी पार्टी के विदेशी फंड में तेजी
28 दिसंबर को जब ‘आप’ के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी, उस दिन पार्टी को चंदे के रूप में 21 लाख रुपए मिले थे। इसके बाद से पार्टी को रोजाना करीब 40 लाख रुपए मिल रहे थे। वहीं 17 जनवरी के बाद से पार्टी को रोजाना औसतन 6 लाख रुपए ही मिल रहे हैं।
क्या कहना है एनआरआई का
'पार्टी ने अपने फायदे के लिए किया'
‘सरकार बनने के बाद से पार्टी में ऐसा कुछ दिखाई नहीं दिया है, जिसे बेहतर बताया जा सके। वहीं पार्टी ने हाल ही में जो भी आंदोलन आदि किए हैं, वे व्यर्थ हैं। पार्टी ने यह सब राजधानी में रह रहे लोगों के लिए नहीं, बल्कि खुद के फायदे के लिए किया। हमने सोचा था कि हमारी जरूरतों के हिसाबसे पार्टी बदलाव करेगी, लेकिन यह अन्य पार्टियों से भी बेकार निकली। हमने इस फेसबुक पेज का निर्माण सिर्फ इसलिए किया है ताकि हम इस बात का खेद जता सकें कि हमने ‘आप’ को वोट दिया था। हम अपनी इस गंभीर गलती के लिए भारत के आम आदमियों से माफी मांगते हैं।‘
-एलाप्पाराज रवि
(रवि न्यूजीलैंड में रहते हैं और ‘I am Sorry I voted for AAP’ फेसबुक पेज के संस्थापक हैं। रवि और उनके परिवार ने दिल्ली चुनाव से पहले ‘आप’ को चंदे के रूप में 4 लाख से ज्यादा रुपए दिए थे।)
‘चुनाव से पहले मैंने और मेरे परिवार ने ‘आप’ को चंदे के रूप में 2 लाख रुपए दिए थे। मेरा परिवार दिल्ली में रहता है और सभी ने चुनाव के समय न केवल ‘आप’ को सपोर्ट किया था, बल्कि पार्टी के उम्मीदवार की जीत के लिए चुनावी अभियान में भाग भी लिया था। लेकिन जब से ‘आप’ सत्ता में आई है, वह सिर्फ दिखावा कर रही है और मीडिया के जरिए खुद को चमकाने में लगी है। ‘आप’ की सरकार बनने के बाद भी दिल्ली में अभी तक काफी युवा बेरोजगार हैं। बिजली के बिल और पानी की समस्या से भी अभी तक राहत नहीं मिली है।‘
-अलागप्पन
(अलागप्पन न्यूजीलैंड के हैमिल्टन में रह रहे हैं।)
‘मेरा परिवार तमिलनाडु में रहता है। यह जानते हुए भी कि पार्टी कुडनकुलम न्यूक्लियर पावर प्लांट प्रोजेक्ट का विरोध कर रहे लोगों को सपोर्ट नहीं रही है, मैंने अपने परिवार के सदस्यों को ‘आप’ को चंदा लेने के लिए मनाया था। सरकार में आने के बाद ’आप’ अपेक्षाओं पर खरी नहीं उतरी।’
-नागेंद्र कृष्णा रामचंद्रन
(नागेंद्र अमेरिका स्थित पेंसिल्वेनिया में काम कर रहे हैं।)
‘मेरा परिवार दक्षिणी दिल्ली में रहता है। मेरे माता-पिता मुझसे दिल्ली में बसने और यहीं अपना बिजनेस शुरू करने की कह चुके हैं। लेकिन राजधानी की राजनीति एक मजाक बनकर रह गई है। ऐसे में मुझे अपना स्थाई घर छोड़ दिल्ली आने में डर लगने लगा है।’
-वेंकटरमन गोविंदस्वामी
(वेंकटरमन ऑस्ट्रेलिया में रहते हैं।)
http://narendramodibjppm.blogspot.in/2014/01/aap-nris.html