शीश कटाते फौजी देखे, आंख दिखाता पाकिस्तान भाव गिराता रूपया देखा, जान गंवाता हुआ किसान बहनों की इज्जत लुटती देखी, काम खोजता नौजवान अन्न गोदामो में सड़ता देखा, भूख से मरता हिंदुस्तान घोटालों की सत्ता देखी, लुटता हुआ मेरा हिंदुस्तान कोई मुझको ये तो बता दे, ये कैसा भारत निर्माण...
शीश कटाते फौजी देखे, आंख दिखाता पाकिस्तान
ReplyDeleteभाव गिराता रूपया देखा, जान गंवाता हुआ किसान
बहनों की इज्जत लुटती देखी, काम खोजता नौजवान
अन्न गोदामो में सड़ता देखा, भूख से मरता हिंदुस्तान
घोटालों की सत्ता देखी, लुटता हुआ मेरा हिंदुस्तान
कोई मुझको ये तो बता दे, ये कैसा भारत निर्माण...
ये कैसा भारत निर्माण???
आसमान में गिद्ध मंडरा रहे,
ReplyDeleteमेरे देश को नोच खाने को,
छुरी छुपा खड़े हुए,
गद्दार पीठ वार मारने को!
इज़्ज़त आबरू लूट रही,
सन्नाटे से कान फॅट रहे,
जवानो के हाथ बाँध कर क्यूँ,
युद्ध में भेजे जा रहे?
देशभक्ति की ज्वाला,
हाय क्यूँ ये बुझ रही,
भोग विलास में जनता,
कैसे देश को भूल गयी?
एक आस, बस एक आस,
बस एक लो उम्मीद की ज्वलित है,
की देश पे मिटने वालों के,
इरादे अब भी जीवित हैं.
देशवासी मेरे फिर जीवित होंगे,
गद्दार मिट्टी में मिल जायेंगे.
भारत माता फिर जगदगुरु होंगी,
सुशासन देश में लाएँगे.
भारत माता की जय के नारे,
गूँझ उठेंगे कन कन में.
देशभक्ति की ज्वाला,
जल उठेगी जन जन के मन में!