झाड़ू को थोडा राउंड घुमा के ..... कजरी के जैसा टोपी लगा के...... तौकीर-बुखारी से हाथ मिला के.....
दिल्ली वालों को उल्लू बना के ..... आ जाओ सारे झाड़ू उठा के.... कजरीडांस कजरीडांस कजरी डांस...... ...
ये वही केजरीवाल थे जो सुषमा स्वराज और सोनिया गाँधी की संसद में खीची गई तस्वीरों को घूम घूम कर पब्लिक को दिखते थे और रामलीला मैदान में मंच से कहते थे की कांग्रेस और बीजेपी दोनो एक है दोनों मिले हुए है .. ये देखो सुबूत .. सुषमा और सोनिया एक साथ है |
पूर्व आईपीएस और सामाजिक कार्यकर्ता किरण बेदी ने आम आदमी
ReplyDeleteपार्टी पर हमले तेज कर दिए हैं | उन्होंने सोमवार को कहा कि आम
आदमी पार्टी को वोट देने का मतलब है कांग्रेस को वोट देना |
गुजरात के मुख्यंमत्री नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद के लिए अपनी
पसंद बताने वाली किरण बेदी ने कहा, 'अगर आप आम आदमी पार्टी
को वोट दे रहे हैं तो इसका मतलब है कि आप अप्रत्यक्ष तौर पर या
पिछले दरवाजे से कांग्रेस की मदद कर रहे हैं | कांग्रेस के कारण ही
आम आदमी पार्टी है |'
उन्होंने कहा कि देश की राजनीति में स्थायित्व के लिए बीजेपी को
पूर्ण बहुमत मिलना जरूरी है | ऐसे में मोदी ही एक विकल्प हैं | वह
एक बेहतर सीएम और नेक इंसान हैं |
इससे पहले ट्विटर पर किरण बेदी ने अपनी राय व्यक्त करते हुए
कहा था कि उनका वोट 'नमो' (नरेंद्र मोदी) को है | उनका ट्वीट था-
‘मेरे लिए भारत पहले है | स्थिर, सुशासित, प्रशासित, जवाबदेह एवं
समग्र | एक स्वतंत्र मतदाता के तौर पर मेरा मत नमो के लिए है |’
मोदी को समर्थन देने को लेकर सफाई में उन्होंने कहा था कि वह
किसी राजनीतिक दल के साथ नहीं जुड़ी हैं, बल्कि उन्होंने एक
स्वतंत्र नागरिक के तौर पर अपने विचार व्यक्त किए | उन्होंने कहा
था 'मैं एक मजबूत, स्पष्ट और स्वतंत्र नागरिक की आवाज के रूप
में बोल रही हूं | मैं किसी पार्टी की सदस्य नहीं हूं, लेकिन मैंने यही
‘इंडिया अगेंस्ट करप्शन’ के आंदोलन के समय किया था |’
केजरीवाल के जनता दरबार की भी की थी आलोचना
पूर्व टीम अन्ना सदस्य किरण बेदी ने ‘जनता दरबार’ के आयोजन पर
दिल्ली मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल की आलोचना करते हुए उनपर
आरोप लगाया था कि उनमें ‘परिपक्व’ शासन क्षमता का अभाव है |
किरण ने कहा था कि ‘सभी अच्छे शासन लोक सुनवाई आयोजित करते
हैं | अनेक वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों और नौकरशाहों ने लोक सुनवाई
की है | इसमें समयतालिका तरीका और निश्चित रूप से खुलापन
होता है | यह सड़कों पर या छतों पर आयोजित नहीं होती है |’
किरण बेदी केजरीवाल के साथ काम कर चुकी हैं और २०११ के
जनलोकपाल आंदोलन में दौरान दोनों टीम अन्ना का हिस्सा थे |
लेकिन बाद में दोनों अलग हो गए |
झाड़ू को थोडा राउंड घुमा के .....
ReplyDeleteकजरी के जैसा टोपी लगा के......
तौकीर-बुखारी से हाथ मिला के.....
दिल्ली वालों को उल्लू बना के .....
आ जाओ सारे झाड़ू उठा के....
कजरीडांस कजरीडांस कजरी डांस...... ...
ये वही केजरीवाल थे जो सुषमा स्वराज
और सोनिया गाँधी की संसद में खीची
गई तस्वीरों को घूम घूम कर पब्लिक
को दिखते थे और रामलीला मैदान में
मंच से कहते थे की कांग्रेस और बीजेपी
दोनो एक है दोनों मिले हुए है .. ये देखो सुबूत ..
सुषमा और सोनिया एक साथ है |
ठगों के ठग... महाठग!